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ब्रिटेन की उप प्रधानमंत्री एंजेला रेनर ने दिया इस्तीफा

टैक्स में धोखाधड़ी करने के आरोपों के बाद ब्रिटेन की उप प्रधानमंत्री एंजेला रेनर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

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भारत

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Himadri Joshi

Sep 05, 2025

Britain Deputy Prime Minister Angela Rayner

ब्रिटेन की उप प्रधानमंत्री एंजेला रेनर ने दिया इस्तीफा (फोटो-वॉशिंगटन पोस्ट)

ब्रिटेन की उप प्रधानमंत्री एंजेला रेनर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम एक स्कैंडल के बाद उठाया, जिसमें उन पर आरोप था कि उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी पर सही मात्रा में टैक्स नहीं चुकाया था। रेनर ने भी यह स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने एक नए घर पर संपत्ति टैक्स कम दिया था। इस मामले के खुलासा के बाद रेनर ने शुक्रवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी। इस खबर से पहले से ही संघर्ष कर रही देश की मध्य-वामपंथी सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

रेनर ने एक्स पोस्ट शेयर कर इस्तीफे की घोषणा की

रेनर ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट शेयर कर इस्तीफे की घोषणा की है। रेनर ने एक दो पेज लंबा लेटर शेयर किया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है और कहा कि उन्होंने शायद अनजाने में टैक्स की गलत दर का भुगतान कर दिया था। रेनर ने अपने पोस्ट में इस बात पर जोर दिया कि यह सब एक गलती के चलते हुआ है और उनका उद्देश्य कभी भी टैक्स चोरी नहीं थी। उन्होंने लिखा, मुझे इस बात का बहुत पछतावा है कि मैंने आवास सचिव के पद पर होते हुए और अपने जटिल पारिवारिक मामलों के बावजूद, अतिरिक्त विशेषज्ञ टैक्स सलाह नहीं ली। इस गलती की मैं पूरी जिम्मेदारी लेती हूं। मैं यह दोहराना चाहती हूं कि मेरा इरादा कभी भी सही राशि से कम भुगतान करने का नहीं था।

ब्रिटेन की सत्ताधारी पार्टी का यह आठवां इस्तीफा

प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के लिए उप प्रधानमंत्री रेनर का इस्तीफा एक बड़ा झटता साबित हो सकता है और उसकी सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकता है। 45 वर्षीय रेनर का इस्तीफा ब्रिटिश लेबर पार्टी का आठवां और सबसे सीनियर इस्तीफा है। यह इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि रेनर पर पहले टैक्स चोरी का इल्जाम लगने पर पीएम स्टार्मर ने उनका पूरा समर्थन किया था और इन आरोपों को झूठा बताया था। सत्ताधारी लेबर पार्टी पहले ही चुनावों में पॉपुलिस्ट रीफ़ॉर्म यूके पार्टी से पिछड़ रही है और ऐसे में पीएम स्टार्मर के लिए अपनी साख बनाए रखना और पार्टी की छवि सुधारना काफी चुनौतीभरा हो सकता है।