वूलवर्थ्स से यह नकली सजावटी पेड़ 1920 में इस परिवार में लाया गया था। हैरानी की बात यह है कि पिछले दो जेनरेशन से यह पेड़ एक ही परिवार में मौजूद है।
जानकारी के मुताबिक यह पेड़ हिटलर की बमबारी से भी बच गया था। और अब यह फैमिली क्रिसमस ट्री 95 वर्ष का हो गया है।
इस ट्री पर 61 वर्षीय केय ऐशटोन को बेहद गर्व है और वो अपने परिवार की इस विरासत को आज भी बड़े प्यार से सजाती है। उन्होने कहा“यह इतिहास का एक हिस्सा है और मुझे इस बात की खुशी है कि यह मेरे पास है।
“इसकी शाखाऐं पहले से बहुत कमजोर हो चुकी है, लेकिन अगर आप सतर्क रहें तो यह अभी खूबसूरती को बढ़ा सकता है।
“यह सोचना ही बहुत गर्व की बात है कि 100 सालों से यह पेड़ वैसा का वैसा ही है, लेकिन इसके आसपास की चीजें काफी बदल गई है। उन चीजों का ये गवाह है।”
केय ने कहा कि“मैने इसकी सारी असली सजावटी चीजों को रख रखा है। दोनो ही, सजावटी सामान और ट्री काफी मजबूत है। “मुझे यकीन है कि यह मेरे बाद भी रहेगा और आगे कई दशकों तक ऐसे ही रहेगा।
“मुझे लगता है कि मुझे इसका बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ेगा क्योकि यह परिवार की अगली जेनरेशन को इस पेड़ को स्थानान्तरित करना हमारे घर का रिवाज है।
“यह सच में ही मजबूत चीजों से बना हुआ है क्योकि यह दो जेनरेशन तो इसने देख ली और साथ ही उस दुकान भी अब नही है, जहां से यह लाया गया था।
“हांलाकिा मै मेरे घर में एक और बड़ा क्रिसमस ट्री रखती ही हुं क्योकि यह केवल एक फुट लम्बा ही हुआ है। ये ट्री मेरे लिविंग रुम का गर्व बढ़ाता है। ”
इस ट्री को सबसे पहले 1920 में केय की दादी एलिजाबेथ नायलर लाई थी। उन्होने अपने नवजात बेटे के पहले क्रिसमस के लिए बनाने के लिए उस ट्री को विलियम्य ट्री का नाम दिया था।
लेकिन उनकी मौत 1940 विलियम की मौत 19 साल की उम्र में ही हो गई। और यह सजावटी पेड़ उनकी याद में इस परिवार के लिए एक खजाने की तरह हो गया।
एलिजाबेथ जिन्हे ननन के नाम से भी जाना जाता है, उनकी मौत 1981 में 80 साल की उम्र में हो गई। उनके बाद यह पेड़ उनकी बेटी जोयस ऐशटोन के पास आ गया।
2012 में जोयस की मौत के बाद केय इस पेड़ को सम्भालने वाली तीसरी बन गई है। W
शेफील्ड, दक्षिण योर्क्स की केय ने कहा कि “मेरी नैनन की किचन मे हमेशा पेड़ रहा करते थे। केवल एक यही पेड़ था जिसे वो नही छोड़ा करती थी।
“1941 के क्रिसमस में शेफील्ड हवाई हमले के दौरान उन्हे घर छोड़ने के लिए चेतावनी दी गई थी। लेकिन वो घर छोड़ने की बजाय पूरा परिवार के नीचे तहखाने में चला गया।
“मेरी नैनन ने उसे बंद रखने के लिए एक बड़ा भारी लोहे का टुकड़ा दरवाजे के पीछे रख दिया था।
“लेकिन सड़क की दूसरी तरफ से जब बम गिराया गया तो, उसमें इतना जोर था कि उसने दरवाजे के पीछे लगे हुए उस भारी लोहे के टुकड़े को वहां से हटा दिया और वो उड़कर कमरें में उस पेड़ में चला गया। “जब वो वापस उपर कमरे में आए तब पूरा कमरा बुरी हालत में था और वो पेड़े बीच में पड़ा हुआ था।
“उसका उपरी भाग बाहर निकल गया था और वो पहले से ज्यादा झुक गया था। लेकिन उसे सेलोटेप और तार लगाकर वापस सही कर दिया गया था। कुछ पुरानी टेप अभी भी उस पर लगी हुई है, मै उन्हे बाहर निकालने की हिम्मत भी नही करती।
“1962 में शेफील्ड में फिर से एक भयंकर तूफान आया था। जिसमें बहुत सारी इमारतें गिर गई थी। और कई लोगो की मौत हो गई थी।
“मुझे याद है कि मै नैनन के घर में थी और उन्होने मेरी मॉ को पीछे वाला दरवाजा बंद करने के लिए कहा था। “लेकिन इससे पहले वो पेड़ कमरे में ही उड़कर लगभग आग में पहुंच गया था। “पेड़ ने एक और चोट झेली लेकिन उसके बाद भी क्रिसमस पर अपना काम किया।
“मेरी नैनन इस पेड़ का और उसकी सजावट का खास ख्याल रखती थी। और अब उस दिन मै इसे इसकी असली सजावटी सामानों से सजाउंगी।
“मैने अपननी नैनन की किताब से एक पत्ती निकाल ली और अब जब वो सामान काम में नही आता तो उन्हे एक बबल कवर में लपेट देती हुं।” एक कस्टमर केयर सर्विस एडवाईजर के, जिनकी दो बेटियां है, पहली 43 वर्षीय ऐमी विलकॉक्स, और दूसरी 36 वर्षीय रेबेका गुडहैंड,दोनो ही इस परम्परा को आगे बढ़ाऐंगी।
केय आगे कहती है कि “मुझे लगता है कि नैनन को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि यह पेड़ आज् में उतना ही मजबूत है और काम में आ रहा है। और ऐसा ही विलियम को लगेगा “जब यह 100 साल का हो जाएगा हम लोग पार्टी करेंगे। यह सोचकर ही खुशी हो रही है कि यह इतना जी चुका है। मै इसको अपने से दूर नही सोच सकती।”