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कनाडा का भारतीय छात्रों को झटका! बंद किया फास्ट ट्रैक स्टूडेंट वीज़ा, विवाद के बीच ट्रूडो का बड़ा फैसला

Canada Study Visa: कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार के इस फैसले से सबसे बड़ा झटका भारतीयों को लगा है क्योंकि भारत से सबसे ज्यादा छात्र कनाडा पढ़ने के लिए जाते हैं।

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Canada stops fast track student visa Indians will suffer

Canada stops fast track student visa Indians will suffer

Canada Study Visa: कनाडा ने भारत सहित 14 देशों के विद्यार्थियों के लिए फास्ट ट्रेक वीजा वाले स्टूडेंट्स डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) प्रोग्राम को शुक्रवार से अचानक बंद कर दिया। भारत-कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों (India Canada Tension) के बीच कनाडा के इस कदम से भारतीय विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा मुसीबत होगी क्योंकि कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय पढ़ने जाते हैं। अधिकारिक तौर पर बताया गया कि आवास और संसाधन संकट से निपटने और सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को समान अवसर देने के लिए ऐसा किया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि अमेरिका (USA) की तरह कनाड़ा में भी आप्रवासी मुद्दा बनने और 2025 में होने वाले चुनाव में हार की आशंका के चलते ट्रूडो सरकार (Justin Trudeau) ने यह कदम उठाया है। SDS प्रोग्राम खत्म होने से कनाड़ा जाने के इच्छुक भारतीय छात्रों को नियमित स्टडी वीजा के लिए आवेदन करना होगा जिसे हासिल करने में ज्यादा समय और खर्च आता है।

20 दिन बनाम 8 सप्ताह

कनाड़ा की ओर से 2018 में शुरू किया गया एसडीएस प्रोग्राम भारतीय विद्यार्थियों में लोकप्रिय था। 2022 में कनाड़ा गए 80 फीसदी विद्यार्थियों ने इसका इस्तेमाल किया। यह वीजा लेने में करीब 20 दिन का समय लगता था जबकि सामान्य स्टडी वीजा में आठ सप्ताह या उससे ज्यादा समय लगता है। कुछ समय से भारतीय छात्रों के लिए वीजा शर्तों में थोड़ी कठोरता भी बरती जा रही है। कनाड़ा सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2015 से 2024 तक करीब 13 लाख भारतीय विद्यार्थियों को स्टडी वीजा दिए गए। इस साल अगस्त तक कनाडा की ओर से दिए गए कुल स्टडी वीजा में भारतीयों की संख्या 36 फीसदी से ज्यादा है।

ट्र्रूडो ने माना - यहां खालिस्तान समर्थक हैं

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आखिर अपने देश में खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी स्वीकार की है। पार्लियामेंट हिल के एक दिवाली कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कनाडा में कई खालिस्तान समर्थक हैं लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के भी समर्थक हैं. लेकिन वे भी सभी हिंदू कनाडाई लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

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