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चैटजीपीटी से दिमाग हुआ कमजोर, याददाश्त पर भी असर

ChatGPT's Impact On Brain: चैटजीपीटी से इंसान के दिमाग पर असर पड़ रहा है। कैसे? आइए नज़र डालते हैं।

भारत

Tanay Mishra

Jun 20, 2025

OpenAI - ChatGPT
OpenAI's ChatGPT (Representational Photo)

एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) दुनियाभर में तेज़ी से बढ़ रही है। एआई का इस्तेमाल कई सेक्टर्स में हो रहा है, चाहे वो पर्सनल यूज़ के लिए हो, या प्राइवेट यूज़ के लिए। इसका इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स भी बढ़ रहे हैं। एआई की दुनिया में सबसे पॉपुलर टूल है ओपनएआई (OpenAI) कंपनी का चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT), जिसे लोग अपनी सहजता के लिए जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे कई काम आसार भी हो रहे हैं, लेकिन इससे इंसान के दिमाग पर भी असर पड़ रहा है।

चैटजीपीटी से इंसान के दिमाग पर पड़ रहा असर

अमेरिका में एक ताज़ा रिसर्च में दावा किया गया कि चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स लोगों के दिमाग को कमजोर कर रहे हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोधकर्ताओं के मुताबिक लेखन प्रक्रिया की शुरुआत में जेनरेटिव चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स के इस्तेमाल से दिमाग पर असर पड़ सकता है। शोध के दौरान 18 से 39 साल के 54 प्रतिभागियों को तीन समूह में बांटा गया। एक समूह ने चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर निबंध लिखे, दूसरे ने गूगल सर्च पर भरोसा किया, जबकि 54 प्रतिभागियों से अलग-अलग तरीके से लिखे निबंध आखिरी समूह ने बगैर किसी सहायता के खुद निबंध पूरा किया।

हैरान करने वाले थे आंकड़े

शोधकर्ताओं ने यह मापने के लिए कि हर प्रतिभागी दिमागी तौर पर कितना व्यस्त था, ईईजी हेडसेट का इस्तेमाल किया। इसके नतीजे हैरान करने वाले थे। चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने वालों ने 32 विभिन्न क्षेत्रों में मस्तिष्क उत्तेजना के निम्नतम स्तर प्रदर्शित किए। उनके निबंध में गहराई और भावना की कमी थी। समय के साथ उनकी मौलिकता, एकाग्रता व प्रयास में गिरावट देखी गई।

चैटजीपीटी से याददाश्त और रचनात्मक सोच पर असर

निबंध लिखने में किसी डिजिटल टूल का सहारा नहीं लेने वाले समूह में उच्चतम मानसिक गतिविधि दर्ज की गई। खास तौर से दिमाग के रचनात्मकता, एकाग्रता और याददाश्त से जुड़े क्षेत्र में। उनके निबंध में मौलिकता और संतुष्टि ज़्यादा थी। जिन लोगों ने गूगल सर्च का इस्तेमाल किया, उन्होंने भी चैटजीपीटी वाले समूह के मुकाबले ज्यादा रचनात्मक कोशिश का प्रदर्शन किया। साफ है कि चैटजीपीटी के इस्तेमाल से दिमाग की याद रखने की क्षमता कम होने के साथ रचनात्मक सोच भी सीमित हो सकती है।

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