
169 non-standard and unsafe in the investigation report of 593, a fine of seven lakh rupees
नई दिल्ली।
खान-पान से जुड़ी बड़ी कंपनियां थोड़े से मुनाफे के लिए लोगों की सेहत से किस कदर खिलवाड़ करती हैं, इसका उदाहरण यह रिसर्च रिपोर्ट है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिज्जा-बर्गर समेत तमाम जंक फूड में नामी कंपनियां डिटर्जेंट में इस्तेमाल होने वाला खतरनाक केमिकल मिलाती हैं। यह रिपोर्ट दुनियाभर की कुछ मशहूर यूनिवर्सिटी ने मिलकर तैयार की है।
इन कंपनियों में मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग, डोमिनोज और पिज्जा हट जैसे मशहूर ब्रांड शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनके आउटलेट्स पर मिलने वाले जंक फूड में डिटर्जेंट में इस्तेमाल होने वाला केमिकल मिलाया जाता है। इसका मतलब, कंपनियां सीधे तौर पर आपकी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं।
यह रिपोर्ट जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, टेक्सास के साउथ-वेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट, बोस्टन यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी के बाद मिलकर तैयार की है। यह स्टडी जर्नल ऑफ एक्सपोजर साइंस एंड एनवायरनमेंटल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग, पिज्जा हट, डोमिनोज, टैको बेल और चिपोटल सहित प्रसिद्ध फूड चेन में मिलने वाले जंक फूड में प्लास्टिक को नरम रखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक रसायन पाया गया है। केमिकल मिला यह खाना कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी कर सकता है। शोधकर्ताओं ने इन आउटलेट से हैमबर्गर, फ्राइज, चिकन नगेट्स, चिकन बुरिटोस और पनीर पिज्जा के 64 फूड सैंपल की जांच की। इसमें उन्होंने पाया कि 80 प्रतिशत से अधिक खाद्य पदार्थों में DnBP नामक एक फेथलेट और 70 प्रतिशत में फेथलेट DEHP था। दोनों ही रसायन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, फेथलेट एक रसायन है जिसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, विनाइल फर्श, डिटर्जेंट, डिस्पोजेबल दस्ताने, वायर कवर जैसे उत्पादों में वर्षों से किया जाता है। यह केमिकल प्लास्टिक को कोमल और मोड़ने योग्य बनाने में मदद करता है, जिससे इसे उत्पाद की आवश्यकता के अनुसार ढाला जा सके।
इन रसायनों की वजह से अस्थमा, बच्चों में न्यूरो से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, ये किसी व्यक्ति की प्रजनन प्रणाली को भी प्रभावित कर सकते हैं। स्टडी में पाया गया कि मांस युक्त भोजन जैसे बरिटोस और चीजबर्गर में रसायनों की मात्रा अधिक थी, जबकि चीज पिज्जा में ये निम्नतम स्तर पर थे।
रिसर्च टीम से जुड़े लारिया एडवर्ड्स ने स्वीकार किया कि सभी सैंपल एक ही शहर के थे और विश्लेषण विभिन्न प्रकार के रेस्टोरेंट पर केंद्रित नहीं है। वहीं, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि वह अध्ययन की समीक्षा करेगा।
एफडीए के एक प्रवक्ता ने कहा, हमारे पास उच्च सुरक्षा मानक हैं, जैसे ही नई वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध होती है, हम अपने सुरक्षा आकलन का पुनर्मूल्यांकन करते हैं। एफडीए ने कहा, अगर एफडीए अब यह निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं है कि अधिकृत उपयोग से कोई नुकसान नहीं होने की उचित निश्चितता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इन वैकल्पिक प्लास्टिसाइजर का पूर्ण स्वास्थ्य प्रभाव अभी तक ज्ञात नहीं है।
Updated on:
01 Nov 2021 12:15 pm
Published on:
01 Nov 2021 12:11 pm
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