
Chinese fighter jets around Taiwan
चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। चीन और ताइवान में लंबे समय से विवाद रहा है और पिछले कुछ साल में दोनों देशों में तनाव काफी बढ़ गया है। ताइवान को अमेरिका (United States Of America) का समर्थन मिलने से भी चीन की नाराज़गी बढ़ी है। पिछले करीब दो साल में चीन ने कई बार ताइवान के पास सैन्याभ्यास किया है। अक्सर ही ताइवान के पास चीन के फाइटर जेट्स और शिप्स भी देखे जाते हैं। अब चीन ने एक बार फिर ताइवान के पास अपनी सेना बढ़ा दी है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय की तरफ आज, बुधवार, 11 दिसंबर को जानकारी दी गई कि पिछले 24 घंटे में आइलैंड के आसपास चीन के 53 फाइटर जेट्स और 19 शिप्स देखे गए। इनमें 11 वॉरशिप्स भी थे।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने आशंका जताई है कि चीन एक बार फिर आइलैंड को घेरते हुए सैन्याभ्यास कर सकता है। ताइवान की सेना भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट पर है।
ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते (Lai Ching-te) के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है। इसकी वजह है चिंग-ते का खुले तौर पर चीन विरोधी होना और ताइवान की स्वतंत्रता का पुरजोर समर्थन करना। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू होने के बाद से ही लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिए थे कि चीन भी ताइवान पर कब्ज़ा जमाने के लिए हमला कर सकता है। ऐसे में चीन के ताइवान के पास अपनी सेना बढ़ाने और फिर से सैन्याभ्यास की अटकलों के बीच क्या चीन कुछ बढ़ा कर सकता है? इस बारे में कोई पुष्टि नहीं है, लेकिन इसकी आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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दरअसल चीन और ताइवान 1949 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। तभी से ताइवान अपना स्वतंत्र अस्तित्व मानता है और खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। दूसरे कई देश भी ताइवान को एक स्वतंत्र देश मानते हैं। वहीं चीन इसका विरोध करता है और ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। दोनों देशों के बीच विवाद की यही वजह है।
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Published on:
11 Dec 2024 12:41 pm
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