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कई हजार गुना तक बढ़ेगी इंटरनेट की स्पीड! भारत के इस पड़ोसी देश ने तैयार किया दुनिया का पहला 6G चिप

चीन ने दुनिया का पहला 6G चिप लॉन्च किया है, जो कि वर्तमान में मौजूद इंटरनेट की स्पीड को 5 हजार गुना तक बढ़ा देगा।

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भारत

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Himadri Joshi

Sep 01, 2025

China launches world's first 6G chip

चीन ने तैयार किया दुनिया का पहला 6G चिप (प्रतिकात्मक फोटो)

अपनी तकनीक और आधुनिकता के लिए जाने जाने वाले भारत के पड़ोसी देश चीन ने एक बार फिर आविष्कार की दुनिया में नया चमत्कार कर दिखाया है। चीन ने दुनिया का पहला 6G चिप तैयार किया है जो इंटरनेट की स्पीड को 5 हजार गुना तक तेज कर सकता है। यह चीप दूरदराज क्षेत्रों में भी हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करा सकता है। यह ग्रामीण इलाकों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा क्योंकि वहां हाई स्पीड इंटनेट पहुंचाना आज भी एक बड़ी चुनौती के समान है।

एक सेकेंड में ट्रांसफर होगी 50GB की मूवी

साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, बीजिंग के पेकिंग यूनिवर्सिटी और हांगकांग की सिटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस चिप को तैयार किया है। ऑल-फ्रीक्वेंसी 6G चिप नामक यह चिप 100 गीगाबिट प्रति सेकंड से भी ज्यादा की इंटरनेट स्पीड उपलब्ध करा सकती है, जिसका मतलब है कि इसकी मदद से एक 50GB की 8K मूवी को सिर्फ एक सेकेंड में डाउनलोड या ट्रांसफर किया जा सकेगा। खास बात यह है कि इस चिप की मदद से यह इंटरनेट स्पीड न सिर्फ शहरों में बल्कि ग्रामिण इलाकों में भी मिलेगी।

हर तरह की फ्रीक्वेंसी पर काम करेगी चिप

यह चिप पूरी तरह से वायरलेस स्पेक्ट्रम पर आधारित है, जो कि इसे कम से लेकर बहुत ज्यादा फ्रीक्वेंसी वाले बैंड तक काम करने में मदद करता है। वहीं वर्तमान में मौजूद 5G टेक्नोलॉजी केवल कुछ खास फ्रीक्वेंसी रेंज तक सीमित है। इसके चलते पहले अलग-अलग फ्रीक्वेंसी के लिए अलग सिस्टम लगाने पड़ते थे, लेकिन नई चिप की मदद से यह सब एक ही सिस्टम में हो पाएगा। 6G चिप के निर्माण से न केवल इंटरनेट की स्पीड बेहतर होगी बल्कि यह वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और रोबोटिक सर्जरी के साथ साथ ड्रोन टेक्नोलॉजी, स्मार्टफोन और स्मार्ट डिवाइसेज और रियल-टाइम डेटा ट्रांसफर में भी काफी काम आएगी।

6G से चिताएं भी बढ़ेगी

जहां एक तरफ इस नई चिप का निर्माण इंटरनेट जगत में एक बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है वहीं मानव अधिकार समूहों से इसी कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 6G में हाई फ्रीक्वेंसी का उपयोग होने से अधिक रेडिएशन पैदा होगा जो कि मानव स्वास्थ के लिए काफी खतरनाक है। इसके साथ ही इससे साइबर सिक्योरिटी को भी खतरा हो सकता है। कई डिवाइस के एक साथ कनेक्ट होने से हैकिंग और डेटा चोरी को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा नए टॉवर लगाए जाएंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर किया जाएगा जो पर्यावरण के लिए काफि नुकसानदायक है।