
China Preparing base on Moon know what is Xi Jinping Plan Against India
China Moon Mission: भारत का पड़ोसी चीन इन दिनों अपने अंतरिक्ष के मिशन पर लगा हुआ है। ये मिशन है चंद्रमा पर अपना बेस बनाने का। जी हां चांद पर अभी तक इंसानों के जीवन की शुरूआत नहीं हुई है लेकिन चीन अपना बेस बना रहा है। इसका ऐलान खुद चीन ने बीती 15 अक्टूबर को किया। अब चारों तरफ ये चर्चा हो रही है कि आखिर चीन चांद पर क्यों अपना ठिकाना बना रहा है क्या इसके पीछे उसके अंतरिक्ष की दुनिया में सबसे आगे रहने की महत्वाकांक्षा है या फिर उसकी भारत (India) के खिलाफ कोई साजिश, आइये जानते हैं।
भारत ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को उतारा था। ऐसा करने वाला भारत पहला ऐसा देश बन गया था जो चांद के उस हिस्से पर पहुंचा था जहां आज तक कोई नहीं पहुंचा था। इसके बाद इसी साल 2024 में चीन और अमेरिका ने भी चांद के दक्षिणी हिस्से पर अपने-अपने रोवर उतार दिए और भारत की इस उपलब्धि की बराबरी कर ली। अब चीन चांद पर ही अपना कब्जा जमाना चाहता है। वो भारत और अमेरिका जैसे देशों से कहीं आगे निकलने की होड़ दिखा रहा है। इसलिए वो अब चांद पर बेस बनाने की तैयारी कर रहा है।
चीन की अंतरिक्ष एजेंसी CNSA ने 15 अक्टूबर को किए ऐलान में कहा था कि चीन अब चांद पर अपना बेस बनाएगा, इस कार्यक्रम को हर हाल में 2050 तक पूरा करना है। इस कार्यक्रम के तहत चीन चांद पर अपना चंद अंतरिक्ष स्टेशन यानी Moon Space Station, मानवसहित मून मिशन, धरती के अलावा चांद समेत दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश के लिए मिशन चलाएगा।
चीन के इस प्रोजेक्ट का नाम है अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन यानी ILRS. ये प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण 2035 तक पूरा होगा। जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक बुनियादी रोबोटिक चंद्रमा आधार बनाया जाएगा। वहीं दूसरा चरण 2050 तक पूरा होगा। इसमें पहले चरण को विस्तार दिया जाएगा। जिसमें चंद्र कक्षा स्टेशन, दक्षिणी ध्रुव स्टेशन और रिसर्च नोड्स शामिल हैं।
इस प्रोजेक्ट ILRS को सौर, रेडियोआइसोटोप और परमाणु जनरेटर के जरिए संचालित किया जाएगा और इसमें संचार नेटवर्क, चंद्र वाहन और चालक रोवर शामिल होंगे। इसके लिए भी चीन ने योजनाएं बनाई हैं।
1- संसाधनों के सर्वे के लिए 2026 और 2028 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोबोटिक मिशन भेजे जाएंगे।
2- चंद्रमा की सतह के नीचे पानी की बर्फ जमा होने वाले क्षेत्र में आधार का निर्माण किया जाएगा।
3- मानव और रोबोट के लंबे समय तक चांद पर रहने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा।
चीन चंद्रमा के लिए कई तरह की इमारतों पर भी प्रयोग कर रहा है जिनमें गुंबद, मेहराब और खंबों पर आधारित संरचनाएं शामिल हैं। आपको ये भी बता दें कि चीन ILRS परियोजना में 50 देशों को शामिल करना चाहता है।
Updated on:
29 Oct 2024 10:16 am
Published on:
19 Oct 2024 09:34 am
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