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सूर्य नहीं..चांद था आग का गोला, धधकते रहते ज्वालामुखी, NASA को मिला सुराग

Space News: 2014 में NASA के ऑर्बिटर ने पता लगाया था कि चांद पर ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं हुई हैं।

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China Scientist Research Moon was Satellite of Fire China Scientist Research Moon was Satellite of Fire

आग का गोला चांद (प्रतीकात्मक छवि)

Space News: चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि करीब 12 करोड़ साल पहले डायनासोर युग में चांद आग के गोले जैसा था, क्योंकि उस पर ज्वालामुखी विस्फोट हो रहे थे। चांद (Moon) से लाए गए कांच जैसे टुकड़ों पर शोध के बाद उन्होंने यह भी बताया कि चांद पर उस युग में (Dinosaur era) लावा की नदियां बहती थीं। साइंस जर्नल में छपे शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों ने करीब तीन हजार ‘ग्लास बीड्स’ पर शोध किया। इनके केमिकल कंपोजीशन के विश्लेषण से पता चला कि इनकी उत्पत्ति ज्वालामुखी (Volcano) विस्फोट के कारण हुई। ये टुकड़े चांद पर ज्वालामुखी फटने और लावा ठंडा होने के बाद बने। ये रिसर्च नासा (NASA) को मिले एक सुराग के बाद आई है। शोध में शामिल वैज्ञानिक हेयुयांग का कहना है इससे चांद और दूसरे ग्रहों पर प्राचीन काल में सक्रिय रहे ज्वालामुखी के बारे में जानने में मदद मिलेगी।

10 साल पहले NASA को मिला था सुराग

इससे पहले 2014 में नासा के ऑर्बिटर ने पता लगाया था कि चांद पर ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं हुई हैं और ग्लास बीड्स वहां मौजूद हैं। चीन के अंतरिक्ष यान चांगई-6 से चांद के सैंपल लाए गए थे। ये सैंपल उस हिस्से के हैं, जो पृथ्वी से नजर नहीं आता।

पनपने का माहौल

पहले के एक शोध में बताया गया था करीब 23 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर ज्वालामुखी घटनाओं के कारण ऐसे हालात बने, जिनसे डायनासोर के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बना और वे अस्तित्व में आए। उस शोध में डायनासोर के जीवाश्म का विश्लेषण किया गया था।

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