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चीन ने किया बड़े प्रोजेक्ट का ऐलान, भारत की बढ़ सकती है टेंशन

India-China Relations: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर स्थिति सुधरती नज़र आ रही है। लेकिन इसी बीच चीन ने फिर कुछ ऐसा कर दिया है जिससे भारत की टेंशन बढ़ सकती है और दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव पैदा हो सकता है।

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Chinese President Xi Jinping and Indian Prime Minister Narendra Modi

Chinese President Xi Jinping and Indian Prime Minister Narendra Modi

सीमा विवाद पर भारत (India) और चीन (China) के बीच चल रही तनावपूर्ण स्थिति में पिछले कुछ समय में सुधार हुआ है। बातचीत के ज़रिए दोनों देशों ने एलएसी (LAC) से अपनी सेना पीछे हटाई है, जिससे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो। लेकिन इसी बीच चीन ने एक बार फिर कुछ ऐसा कर दिया है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। चीन ने हाल ही में एक बड़े प्रोजेक्ट का ऐलान किया है। हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोपावर डैम प्रोजेक्ट की, जिसके ऐलान चीन ने हाल ही में किया है।

तिब्बत की नदी पर चीन बनाएगा बांध

चीन ने हाल ही में तिब्बत (Tibet) की सबसे लंबी नदी यारलुंग त्सांगपो (Yarlung Zangbo) पर एक हाइड्रोपावर बांध बनाने की घोषणा की है। यह चीन का एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जिससे हर साल 30,000 करोड़ किलोवॉट-घंटे बिजली का उत्पादन होगा। इस बांध से चीन के थ्री गॉर्जेस बांध (Three Gorges Dam) से 3 गुना ज़्यादा बिजली का उत्पादन होगा।

भारत की बढ़ सकती है टेंशन

चीन के इस प्रोजेक्ट से भारत की टेंशन बढ़ सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तिब्बत की जिस नदी को चीन यारलुंग त्सांगपो कहता है, उसे भारत में ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) नदी कहा जाता है। इस बांध के बारे में पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि आखिर चीन का यह प्रोजेक्ट भारत के लिए चिंता का विषय कैसे बन सकता है? दरअसल चीन इस बड़े बांध को भारत के खिलाफ एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकता है। इस बांध से पानी छोड़ने पर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ आ सकती है। करीब 2900 किलोमीटर लंबी ब्रह्मपुत्र नदी भारत में आने से पहले तिब्बत के पठार से होकर गुजरती है, जिससे तिब्बत में धरती की सबसे गहरी खाई बनाती है। लेकिन अगर चीन इस नदी पर बांध बनाता है, तो नदी के पानी को अपनी इच्छा के अनुसार कंट्रोल कर सकेगा, जो भारत के लिए खतरनाक हो सकता है। सिर्फ भारत ही नहीं, बांग्लादेश (Bangladesh) के लिए भी चीन का यह प्रोजेक्ट चिंता का विषय है।

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