
चीन ने एलन मस्क टेस्ला से प्रेरणा लेकर अपना स्टारलिंक तैयार किया था, लेकिन सैटेलाइट लॉन्च करने के बाद यह रॉकेट 300 टुकड़ों में बिखरकर स्पेस जंक बन गया। यूएस स्पेस कमांड के मुताबिक मंगलवार को उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट से 18 सैटेलाइट को लॉन्च किया था। ये 18 सैटेलाइट पहले बैच का हिस्सा थे, जिसका लक्ष्य मस्क के स्टारलिंक का चीनी वर्जन स्थापित करना था। इसे कियानफान ब्रॉडबैंड नेटवर्क के नाम से जाना जाता है। रॉकेट ने लगभग 800 किमी की ऊंचाई पर उपग्रहों को सफलतापूर्वक पहुंचा दिया। इसके तुरंत बाद इसका ऊपरी चरण फेल हो गया और रॉकेट 6ए 300 टुकड़ों में बिखर गया। इन टुकड़ों से एक मलबे का बादल बन गया, जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। हालांकि इससे फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
चीन ने यूजर्स को बेहतर संचार सेवा देने के लिए यह परियोजना शुरू की है। शंघाई की कंपनी स्पेससेल की 2025 तक 648 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन 2030 तक 15 हजार सैटेलाइट के जरिए वैश्विक नेटवर्क पर अपना आधिपत्य चाहता है। दूसरी ओर स्पेसएक्स के स्टारलिंक के पास फिलहाल 6 हजार से ज्यादा सैटेलाइट हैं और 100 देशों में तीस लाख से ज्यादा ग्राहक हैं।
‘पॉइंट नीमो’ में सैटेलाइट का मलबा रखा जाता है। ये इंसानी बस्तियों काफी दूर है। नीमो लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘जहां कोई नहीं रहता। ये जगह दक्षिण अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक बड़ा हिस्सा है। यहां से कोई भी द्वीप 2688 किमी से ज्यादा दूर हैं। फिलहाल यहां सौ से ज्यादा सैटेलाइट्स का मलबा रखा गया है।
Published on:
11 Aug 2024 09:42 am
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