
एक समय था जब सज़ा-ए-मौत देना काफी सामान्य बात थी। पर अब ऐसा नहीं है। ज़्यादातर देशों में अब मौत की सज़ा नहीं दी जाती। और अगर कहीं मौत की सज़ा दी जाए, तो इसका मतलब है जुर्म बड़ा है। ऐसा ही चीन में एक महिला के साथ हुआ। चीन (China) की इस महिला को सज़ा-ए-मौत के तौर पर फांसी की सज़ा दी गई। इसकी वजह थी उसका गुनाह। उस महिला ने कई बच्चों को मारने की कोशिश की थी।
क्या है मामला?
यह मामला चीन के हेनान प्रांत में जियाओज़ुओ शहर का है और 4 साल पुराना है। जियाओज़ुओ में रहने वाली 39 वर्षीय वांग यून ने 4 साल पहले एक किंडरगार्टन स्कूल के 25 बच्चों के दलिए में सोडियम नाइट्रेट मिला दिया था। खाने में सोडियम नाइट्रेट की ज़्यादा मात्रा जहर की तरह होती है। वांग ने अपने स्कूल में एक सहकर्मी से बहस होने के बाद इस वारदात को 27 मार्च, 2019 के दिन मेंगमेंग प्री-स्कूल एजुकेशन में अंजाम दिया था। इससे सभी 25 बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी और एक बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद दोषी पाए जाने पर वांग यून को नौकरी से निकाल दिया था। साथ ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और 2020 में उसे फांसी की सज़ा दी गई थी।
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2020 में सज़ा का ऐलान, 2023 में मिली सज़ा
फांसी की सज़ा के खिलाफ वांग यून ने जियाओज़ुओ सिटी इंटरमीडिएट पीपल्स कोर्ट में अपील भी की थी। पर उसकी अपील को खारिज कर दिया गया था। कल, शुक्रवार को वांग यून की पहचान करते हुए उसे आख़िरकार फांसी दे दी गई।
अपने पति को भी दे चुकी थी जहर
स्कूली बच्चों को जहर देना ऐसा पहला मौका नहीं था जब वांग यून ने कुछ ऐसा किया था। इससे पहले वह अपने पति को भी जहर देकर मारने की कोशिश कर चुकी थी। हालांकि उसका पति बच गया था।
क्या थी वजह?
वांग यून ने जहर देने की इन वारदातों को अंजाम क्यों दिया, इस बात का खुलासा नहीं हो सका।
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Published on:
15 Jul 2023 01:58 pm
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