
Donald Trump
Donald Trump: अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की जीत को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश में रूढ़ीवादी ईसाई समुदाय के प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप के प्रचार अभियान और परोक्ष रूप से ईसाई धर्मगुरुओं (Christian religious leaders) की ओर से इस चुनाव को होली वाॅर (धर्मयुद्ध) के रूप में प्रचारित करने के बाद जो परिणाम सामने आए हैं उससे स्पष्ट है कि ट्रंप ईसाइयत के अंडरकरंट पर सवार होकर इतनी बड़ी जीत हासिल करने में सफल हुए हैं। चुनावी आंकड़े बताते हैं ट्रंप को अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस की तुलना में ईसाइयों के हर पंथ का जबरदस्त समर्थन मिला। प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने अपने संबोधन में 'मेरे प्यारे ईसाइयों' से लेकर अनेक धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल किया।
जुलाई में हमले के बाद उन्होंने कहा कि गॉड ने मुझे अमरीका की सेवा के खास मकसद से बचाया है तो रूढ़ीवादी ईसाइयों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया। ईसाई संगठनों ने ट्रंप के पक्ष में न केवल परोक्ष प्रचार अभियान चलाया बल्कि रूढ़ीवादिता के रूप में महिला-पुरुष लिंग भेद को भी उभारा। एरिजोना के एक प्रभावशाली इंजील पादरी मार्क ड्रिस्कॉल ने कमला हैरिस के खिलाफ साफ लिखा कि ईसाई होने के नाते, हमें जेजेबेल (बाइबल में नकारात्मक पात्र) को सिंहासन पर बैठने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। रूढ़िवादी नेता चार्ली किर्क ने जिन्होंने इस चुनाव चक्र में रूढ़ीवादी ईसाई मतदाताओं और स्वयंसेवकों को संगठित करने में भारी निवेश किया। उन्होंने लिंग विभाजन को उभारा और सोशल मीडिया पर लिखा पुरुषों को जाकर वोट डालना चाहिए। रूढ़ीवादियों ने कोरोना काल में बंद हुए चर्चों के मुद्दे को भी हवा दी।
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- जॉर्जिया में पादरियों से कहा, हमें इस देश में धर्म को बचाना है।
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- बाइबल के नैगेटिव चरित्रों से कमला हैरिस की तुलना
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ट्रंप का उपराष्ट्रपति के लिए जेडी वेंस के चुनाव के पीछे भी उनकी धार्मिक छवि को माना जा रहा है। चुनाव अभियान के दौरान वेंस की सबसे बड़ी ख्याति अपनी ईसाई आस्था से फिर से जुड़ते हुए नियमित चर्च जाने वाले व्यक्ति की रही है। वेंस ने अपनी भारतवंशी पत्नी उषा चिलुकुरी की कई मौकों पर तारीफ इसीलिए की है कि उषा ने उन्हें ईसाई आस्था से फिर जुड़ने और रोजाना चर्च जाने के लिए प्रेरित किया था। चुनावी रैलियों में वैंस जीसस क्राइस्ट का दुनिया का राजा बताते नजर आए।
राष्ट्रपति चुने गए डॉनल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली नियुक्ति में 67 वर्षीय सूसी विल्स को वाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ का जिम्मा दिया है। वे इस पद पर नियुक्ति पाने वाली पहली महिला हैं। सूसी तीन चुनावों से ट्रंप के साथ हैं और इस बार चुनाव अभियान की प्रमुख रही हैं। वाइट हाउस स्टाफ चीफ के रूप में उनकी भूमिका कर्मचारियों के प्रबंधन, राष्ट्रपति के समय और कार्यक्रम तय करने की होगी। वे अन्य सरकारी विभागों और सांसदों के साथ संपर्क में रहेंगी।
Published on:
09 Nov 2024 02:36 pm
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