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Google की AI तकनीक चुरा रहा चीन, अमेरिका को पछाड़ने के चक्कर में खुली पोल

इस शख्स ने पहले गूगल की AI तकनीक को चुराया और उसे चुराकर चीन की एक फर्म में लगाया। ऐसा ये कई महीनों तक करता रहा, लेकिन जब ये पता चला कि ऐसा करने वाला ये शख्स कौन है, तो खुद गूगल के भी होश उड़ गए।

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दिग्गज सर्च इंजन कंपनी गूगल (Google) से जुड़ा हुआ बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल एक शख्स ने गूगल की AI तकनीक को चुरा लिया और फिर उसे चीन (China) की एक कंपनी में एप्लाई कर दिया। कई महीनों तक लगातार ये शख्स ऐसा ही करता रहा, लेकिन इसका ये धोखा ज़्यादा दिनों तक चल नहीं पाया। जल्द ही उसका राजफाश हो गया और उसकी असलियत सामने आ गई।

Google का ही रह चुका इंजीनियर

अमेरिका (America) के कैलिफॉर्निया के उत्तरी जिले के अटॉर्नी कार्यालय में हुई सुनवाई में पता चला है कि गूगल (Google) से ये तकनीक चुराने वाला ये शख्स कोई और नहीं बल्कि गूगल का ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर रह चुका है। इसका नाम लिनवेई डिंग है। डिंग पहले गूगल AI में सुपरकंप्यूटर डेटा सिस्टम को डिज़ाइन और रखरखाव करने वाली टीम का हिस्सा था। उस पर सिस्टन की कार्य़शैली और कार्यक्षमता को पहचानने वाले सॉफ़्टवेयर की चोरी करने का आरोप लगा है। उस पर पुलिस ने मशीन लर्निंग और एआई तकनीक चुराने की धारा पर केस दर्ज किया है।

कंपनी से जुड़े सीक्रेट्स भी चुराए

डिंग ने मई 2022 से मई 2023 तक मल्टीस्टेप के जरिए Google की जारी लैपटॉप से क्लाउड पर 500 फाइलें अपलोड कीं, जिनमें से कई में कंपनी से जुड़े सीक्रेट्स भी थे, जिससे उन्हें पहचाने से बचने की परमिशन भी मिली। अधिकारियों ने आरोपी डिंग को बुधवार सुबह कैलिफोर्निया के नेवार्क में उसके घर से गिरफ्तार किया गया।

बदले में चीन ने किया बड़ा भुगतान

डिंग पर आरोप लगाया गया है कि जून 2022 से डिंग को Google में अपने पर्यवेक्षकों को बताए बिना, चीन स्थित एक प्रौद्योगिकी कंपनी ने हर महीने 14,800 डॉलर का भुगतान किया है। साथ ही एक बोनस और कंपनी स्टॉक भी उसके नाम किया है। डिंग सिर्फ इस कंपनी में ही नहीं बल्कि चीन की ही और कंपनियों में एक साथ काम करने के आरोप लगे हैं।

पूछताछ में डिंग ने बताया कि उसने एक नई एआई स्टार्टअप कंपनी के लिए फंडिंग की मांग की थी, जिसे उन्होंने नवंबर में बीजिंग में एक निवेशक सम्मेलन में शामिल किया था और दावा किया था कि हमारे पास Google के 10,000-कार्ड कम्प्यूटेशनल पावर प्लेटफॉर्म के साथ अनुभव है, हमें बस इसे दोहराने और अपग्रेड करने की जरूरत है।

अमेरिका को पछाड़ने के चक्कर में गूगल की चोरी कर रहा चीन!

इस मामले को लेकर टेक जानकारों को कहना है कि चीन AI तकनीक के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका से कम से काफी पीछे है, लेकिन कई चीनी स्टार्टअप्स ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की कोशिश की है। खासतौर पर मेटा के ओपन-सोर्स भाषा मॉडल, जिसे लामा कहा जाता है। जेनरेटिव एआई, जो चैटजीपीटी और संवादी चैटबॉट्स के तूफान में दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकियों में से एक बन गई है। इसलिए चीन ऐसे लोगों का फायदा उठाकर अपनी तकनीक को बढ़ाना तो चाहता ही है, साथ ही इस तरह के अवैध तरीके से वो अमेरिका से आगे आना चाहता है।

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