
Sweden Flag
नाटो यानि की North Atlantic Treaty Organization, 31 देशों का एक ऐसा ग्रुप है, जिसमें 29 यूरोपीय देश और 2 नॉर्थ अमरीकी देश शामिल हैं। नाटो के सभी मेंबर देश सैन्य मामलों में एक-दूसरे की मदद करते हैं। इसका सबसे ज़्यादा फायदा मिलता है नाटो में शामिल छोटे देशों को। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दो अन्य यूरोपीय देश स्वीडन (Sweden) और फिनलैंड (Finland) की भी नाटो में शामिल होने की चाह रही है। फिनलैंड तो इसी साल अप्रैल में नाटो का 31वां सदस्य देश बन गया। नाटो में शामिल होने के लिए स्वीडन ने भी फिनलैंड के साथ ही एप्लिकेशन लगाई थी, पर अभी तक स्वीडन को इसमें कामयाबी नहीं मिली है। इसकी वजह है नाटो के एक अन्य सदस्य देश तुर्की (Turkey) का स्वीडन की राह में रोड़ा बनना।
स्वीडन की राह में तुर्की कैसे बन रहा है रोड़ा?
किसी भी नए देश के नाटो का मेंबर बनने के लिए मौजूदा सभी मेंबर्स की सहमति ज़रूरी होती है। तुर्की ही नाटो का एकमात्र ऐसा मेंबर देश है जिसने अभी तक स्वीडन के नाटो में शामिल होने को ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है।
स्वीडन के नाटो में शामिल होने की उम्मीद रखने पर तुर्की के राष्ट्रपति ने दिया बयान
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan), जो कुछ समय पहले ही 11वीं बार देश के राष्ट्रपति बने हैं, ने स्वीडन की नाटो में शामिल होने की उम्मीद रखने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। लिथुआनिया (Lithuania) के शहर विल्नियस (Vilnius) में अगले महीने नाटो का सम्मेलन आयोजित होगा।
इस बारे में बात करते हुए एर्दोगन ने कहा, "अगले महीने विल्नियस में नाटो का सम्मेलन आयोजित होगा। अगर अल्लाह की इच्छा रहती है और कुछ असाधारण नहीं होता, तो मैं इस सम्मेलन में ज़रूर हिस्सा लूंगा। स्वीडन की नाटो में शामिल होने की उम्मीदें हैं, पर इसका यह मतलब नहीं कि हम उनकी उम्मीदों को पूरा करेंगे।"
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Updated on:
05 Jul 2025 04:59 pm
Published on:
14 Jun 2023 05:07 pm
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