
American weapons (Photo - Washington Post)
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध को 3 साल से भी ज़्यादा समय हो चुका है। 24 फरवरी, 2022 को जब यह युद्ध शुरू हुआ था, तब लगा था कि कुछ ही दिन में रूस इसे जीत लेगा। हालांकि अभी तक ऐसा हुआ नहीं है। रूस के हमलों की वजह से यूक्रेन में काफी तबाही भी मची है। इतना ही नहीं, यूक्रेन को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कई यूक्रेनी शहरों को रूस के हमलों की वजह से भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि यूक्रेन को लगातार मिले इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से यूक्रेनी सेना अभी भी रूसी सेना के सामने डटी हुई है। इसी वजह से रूसी सेना ने भी युद्ध में कई सैनिक गंवा दिए हैं। यूक्रेन को इस युद्ध में अब तक सबसे ज़्यादा सपोर्ट अमेरिका (United States Of America) से मिला है। अमेरिका ने जो बाइडन (Joe Biden) के कार्यकाल में यूक्रेन को काफी सैन्य सहायता मुहैया कराई है। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से यूक्रेन की चिंता ज़रूर बढ़ी थी और कुछ समय के लिए उन्होंने यूक्रेन को देने वाले हथियारों पर रोक भी लगाई थी, लेकिन अब ट्रंप ने उस रोक को भी हटा लिया है।
ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही यूक्रेन को पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम समेत अन्य अहम हथियारों की सप्लाई को ग्रीन सिग्नल दिया था। इस बारे में अब एक अमेरिकी एक्सपर्ट ने चिंता जताई है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में सतत विकास केन्द्र के निदेशक और जाने-माने अमेरिकी इकोनॉमिकल एक्सपर्ट जेफरी सैच्स (Jeffrey Sachs) ने कहा है कि जिस तरह से अमेरिका, यूक्रेन को हथियार दे रहा है, उससे सिर्फ तबाही ही बढ़ेगी। इससे और भी ज़्यादा लोग इस युद्ध में मारे जाएंगे।
सैच्स ने इस युद्ध में रूस की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि भले ही अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को कितने भी हथियार दे दिए जाए, इससे रूस की इस युद्ध में स्थिति पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा। सैच्स के अनुसार यूक्रेन के खिलाफ चल रहे इस युद्ध में रूस का पलड़ा भारी है और वो जीत की ओर बढ़ रहा है। यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई के फैसले को ग्रीन सिग्नल देने से रूस के लॉन्ग टर्म प्लान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Published on:
17 Jul 2025 04:04 pm
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