
Emmanuel Macron
इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच चल रहे युद्ध को एक साल पूरा हो गया है। पिछले साल 7 अक्टूबर को ही हमास ने इज़रायल में घुसपैठ करते हुए एक म्यूज़िक फेस्टिवल में लोगों को निशाना बनाया था और गाज़ा स्ट्रिप से इज़रायल पर करीब 5,000 रॉकेट्स दागे थे। हमास के हमलों में इज़रायल में करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी। हमास ने 200 से ज़्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। उनमें से कुछ बंधकों की रिहाई हो चुकी है, पर कुछ बंधकों को मारा भी गया है। अभी भी हमास की कैद में करीब 100 बंधक हैं, जिनमें से कितने ज़िंदा हैं, कुछ कहा नहीं जा सकता। हमास के हमले का जवाब देने के लिए इज़रायल ने गाज़ा और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों पर सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। इज़रायल की कार्रवाई से गाज़ा और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों में तबाही मच चुकी है और 42 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। दुनियाभर के कई देश इस युद्ध को खत्म करने की मांग उठा चुके हैं। अब इज़रायल ने लेबनान (Lebanon) के आतंकी संगठन हिज़बुल्लाह (Hezbollah) के खिलाफ भी जंग छेड़ दी है। ऐसे में इज़रायल की इन दोनों आतंकी संगठनों के खिलाफ चल रही जंग पर फ्रांस (France) के राष्ट्रपति ने एक बड़ा बयान दिया है।
मैक्रों ने गाज़ा और लेबनान में तुरंत सीज़फायर को बताया ज़रूरी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने गाज़ा और लेबनान में तुरंत सीज़फायर को ज़रूरी बताया। मैक्रों ने इसके साथ ही युद्ध खत्म करने की भी मांग उठाई।
राजनीतिक समाधान ढूंढने पर दिया जोर
मैक्रों ने यह भी कहा कि तनाव को बढ़ने से रोकना चाहिए, नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, बंधकों को आज़ाद कराना चाहिए और साथ ही इज़रायल और सभी की सुरक्षा के लिए ज़रूरी राजनीतिक समाधान ढूंढना चाहिए।
Updated on:
07 Oct 2024 01:41 pm
Published on:
07 Oct 2024 01:18 pm
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