
गाजा में अकाल जैसे हालात हैं और हजारों बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हैं। (फोटो : X Handle Ali Jadallah .)
Gaza humanitarian crisis: इजरायल और हमास के बीच जंग के चलते गाजा में हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेताया है कि गाजा में अकाल जैसे हालात हैं और करीब 70,000 बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हैं, जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय मानवता से जुड़ी 100 से ज्यादा संस्थाओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर चेतावनी दी है कि गाजा में भूख, बीमारियां और पानी की भारी कमी के कारण लोगों की हालत गंभीर है। बयान में इजरायल से तुरंत नाकाबंदी हटाए और जरूरी सहायता पहुंचाए। गाजा शहर के हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि वहां के बाजार खाली पड़े हैं। पानी की व्यवस्था लगभग ठप है। लोग सड़कों पर बेहोश हो रहे हैं। एक चैरिटी के जरिए भोजन पाने के लिए बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोग कतार में खड़े दिखे।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार, गाजा में बुनियादी ढांचा लगभग नष्ट हो चुका है। लाखों लोगों को न तो स्वच्छ पानी मिल रहा है और न ही सही तरीके की सफाई व्यवस्था। लोग टैंकर से लाए गए पानी से डिब्बे भरने को मजबूर हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केवल बीते 24 घंटे में भूख और कुपोषण से 10 लोगों की जान जा चुकी है।
लगभग दो साल से जारी युद्ध के बीच इजरायल की हवाई कार्रवाई अब भी जारी है। हाल ही में हुए एक हमले में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई, जिनमें बच्चे भी शामिल थे।
अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ जल्द ही गाजा में युद्धविराम के प्रयासों को लेकर यूरोप और कतर का दौरा करेंगे। इसका उद्देश्य है कि किसी तरह से बातचीत के जरिए संघर्ष विराम हो और मानवीय सहायता बहाल की जा सके।
गाजा में भुखमरी और निर्जलीकरण की स्थिति पर वैश्विक स्तर पर नाराज़गी और चिंता जताई जा रही है। मानवाधिकार संगठनों, यूएन एजेंसियों और मध्यपूर्व विशेषज्ञों का कहना है कि इस संकट को "राजनीतिक बहस" नहीं, बल्कि "मानवीय त्रासदी" के रूप में देखना चाहिए। इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है कि वह नाकेबंदी हटाकर मानवीय सहायता को अबाध रूप से पहुंचने दे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आने वाले दिनों में गाजा की स्थिति पर विशेष बैठक बुला सकती है।अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की कतर और यूरोप यात्रा से उम्मीद है कि युद्धविराम वार्ता को गति मिलेगी। WHO और WFP जैसी संस्थाएं अब "सीधे हवाई मार्ग से सहायता भेजने" के विकल्पों पर विचार कर रही हैं।
इजरायली मीडिया में भी अब इस विषय पर मतभेद सामने आ रहे हैं – कुछ विश्लेषकों ने सरकार की रणनीति पर सवाल उठाए हैं।
ड्रोन, ट्रैकिंग सिस्टम, और ब्लॉकचेन आधारित राहत वितरण पर चर्चा शुरू हो गई है।
लंबे युद्ध और भूख से गुजर रहे बच्चों पर PTSD और मानसिक बीमारी के मामलों में तेजी आ गई है।
क्या इजरायल की नाकेबंदी हमास को कमजोर कर रही है या आम लोगों को निशाना बना रही है?
अमेरिका और यूरोप के मुस्लिम मतदाताओं में नाराज़गी बढ़ने के कारण राजनीतिक दलों पर रुख बदलने का दबाव हो सकता है।
Updated on:
23 Jul 2025 09:08 pm
Published on:
23 Jul 2025 09:07 pm
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