5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

“भारत को अमेरिका के करीब और चीन से दूर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता” – सर्जिओ गोर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' और धमकियों से भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास पड़ गई है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ट्रंप ने डैमेज कंट्रोल के तौर पर भारत से संबंधों को सुधारने की कोशिश शुरू कर दी हैं। इसी बीच अब उनके करीबी और भारत के लिए चुने गए अगले अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने एक बड़ा बयान दिया है।

1 minute read
Google source verification

भारत

image

Tanay Mishra

Sep 12, 2025

Sergio Gor

Sergio Gor (Photo - Video Screenshot from ANI)

भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के संबंधों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के 'टैरिफ वॉर' और धमकियों से खटास पड़ गई है। हालांकि भारत, ट्रंप के दबाव के आगे झुका नहीं। ऐसे में अब ट्रंप के सुर बदल गए हैं। वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को अपना दोस्त बता रहे हैं और कह रहे हैं कि दोनों हमेशा दोस्त रहेंगे और दोनों महान देशों के बीच जल्द ही ट्रेड डील भी होगी। इसे ट्रंप की तरफ से डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है। इसी बीच अब ट्रंप के एक करीबी अधिकारी ने भारत-अमेरिका संबंधों पर बड़ा बयान दिया है।

"भारत को अमेरिका के करीब और चीन से दूर करना..."

सर्जियो गोर (Sergio Gor), जिन्हें ट्रंप का करीबी माना जाता है औरअमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें भारत के लिए अगला अमेरिकी राजदूत चुना है ने हाल ही में दोनों देशों के संबंधों के बारे में बड़ा बयान दिया। गोर ने कहा, "भारत में अमेरिका के करीब लाना और चीन से दूर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।"

"अड़चनों को सुलझाने की कर रहे हैं कोशिश"

गोर ने आगे कहा, "भारत और अमेरिका के बीच अभी कुछ अड़चनें आ रही हैं, लेकिन हम उन अड़चनों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत सरकार और भारतीय लोगों के साथ हमारे संबंध कई दशकों पुराने हैं और हमारे संबंध, चीन के साथ उनके संबंधों की तुलना में काफी ज़्यादा अच्छे और मज़बूत हैं। चीन का विस्तारवाद सिर्फ भारत के साथ बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में है। हमारे दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर बातचीत जारी है। हम चाहते हैं कि भारतीय मार्केट हमारे कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पादों और एलएनजी के लिए खुले। भारत का मध्यम वर्ग पूरे अमेरिका से बड़ा है और उन्हें अमेरिकी उत्पादों से फायदा होगा।"