24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हॉन्ग कॉन्ग की इमारतों में लगी आग से मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 146

हॉन्ग कॉन्ग के ताई पो जिले के वांग फुक कोर्ट रिहायशी कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग से मरने वालों की संख्या 146 पहुंच गई है। यह 77 साल में हॉन्ग कॉन्ग की सबसे भयानक आग मानी जा रही है। सरकार ने इस घटना की आपराधिक जांच शुरू कर दी गई है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Himadri Joshi

Nov 30, 2025

Hong Kong fire

हॉन्ग कॉन्ग के रिहायशी कॉम्प्लेक्स में लगी आग (फोटो- ब्लूमबर्ग)

हॉन्ग कॉन्ग के ताई पो जिले के रिहायशी कॉम्प्लेक्स में लगी आग से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 146 पहुंच गई है। वांग फुक कोर्ट नामक इस 2,000 फ्लैटों वाले आवासीय परिसर में बुधवार को आग लग गई थी। इस कॉम्प्लेक्स में आठ इमारतें थी जिनमें हर इमारत में 35 मंजिलें थी। यह आग इतनी भयानक थी कि कुछ ही देर में यह 8 में से 7 इमारतों तक फैल गई। इसके चलते पूरे परिसर में हाहाकार मच गया और चारों तरफ मदद के लिए चीखपुकार फैल गई थी। इस हादसे में मरने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।

कई लोग अभी भी लापता

शुरुआत में 44 लोगों के मरने की बात सामने आई थी जिसके बाद यह आंकड़ा बढ़ कर 55 और फिर 94 हो गया था। शुक्रवार को इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 128 हो गई थी। अब घटना स्थल की जांच कर रही टीमों को वहां से कुछ और लाशें मिली है जिसके बाद यह आंकड़ा बढ़ कर 146 पहुंच गया है। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि करीब 200 लोग अभी भी लापता है जिनकी तलाश जारी है। वहीं करीब 75 से 80 लोग अस्पतालों में भर्ती है और उनका इलाज चल रहा है।

सरकार ने हादसे की क्रिमिनल जांच शुरू की

यह आग 77 साल में लगी हॉन्ग कॉन्ग की सबसे भीषण आग मानी जा रही है। आग इतनी भयानक थी कि इसे काबू करने में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगा। सरकार ने इस हादसे की जांच अब क्रिमिनल मामले के तौर पर शुरू कर दी है और अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि, जुलाई 2024 से इस रिहायशी कॉम्प्लेक्स के निर्माण का कार्य चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इसके निर्माण में नियमों के मुताबिक सामग्री का उपयोग नहीं किया गया था और इसी के चलते यह हादसा हुआ। जांच में सामने आया है कि इसके निर्माण में उपयोग की गई स्टायरोफोम जैसी ज्वलनशील सामग्री और बाहर लगी जाली के कारण यह आग तेजी से एक इमारत से दूसरी इमारत में फैल गई थी।