
Whales
व्हेल मछलियां (Whale) आपस में बात करती हैं, इसकी पुष्टि पहले हो चुकी है। उनकी भाषा का ककहरा (Albhabet) समझने में जुटे अमरीका के वैज्ञानिकों को स्पर्म व्हेल की भाषा की ‘ABCD’ सीखने में कामयाबी मिली है। दांतों वाली प्रजातियों में सबसे बड़ी इन मछलियों के बीच संवाद के लिए ‘कट-कट-कट’ की आवाजों का इस्तेमाल होता है। इसे ‘कोडाज’ कहा जाता है। यह मोर्स कुंजी जैसी आवाज है। द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के नेचर कम्यूनिकेशंस में प्रकाशित शोध में स्पर्म व्हेल मछलियों की बातचीत के बारे में दिलचस्प ब्योरा दिया गया।
वैज्ञानिकों ने कई साल पूर्वी कैरिबिया के समुद्र की स्पर्म मछलियों की बातचीत रिकॉर्ड की। इसके डेटा के विश्लेषण से पता चला कि उनके बीच बातचीत काफी व्यवथित होती है। शोधकर्ताओं ने उनके संवाद में वर्णों की भी पहचान की और पाया कि इनकी इंसानी भाषाओं से समानताएं हैं। दूसरे समुद्री जीवों की तरह स्पर्म व्हेल भी सामाजिक प्राणी हैं। एक-दूसरे से संवाद उनके जीवन का अहम हिस्सा है।
शोध की मुख्य लेखक प्रत्यूषा शर्मा का कहना है कि हम यह नहीं बता सकते कि स्पर्म व्हेल आपस में क्या बातें करती हैं। हम उनकी ‘एबीसीडी’ तक ही पहुंचे हैं। उनके व्यवहार के आधार पर आवाजों का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि समझा जा सके कि क्या बात करती हैं। ये कट-कट-कट की आवाज की अवधि बदलती हैं और कई बार आखिर में एक अतिरिक्त कट-कट जोड़ती हैं, जैसे इंसानी भाषाओं में प्रत्यय लगाए जाते हैं।
मशीन लर्निंग टीम के प्रोजेक्ट सीईटीआइ के तहत शोध में पारंपरिक तरीकों के अलावा डेटा के विश्लेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की भी मदद ली गई। डोमिनिका स्पर्म व्हेल प्रोजेक्ट के तहत जुटाए गए 60 मछलियों के डेटा का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं में शामिल शेन गेरो कहते हैं, वे कोडाज का इस्तेमाल शायद बच्चों की देखभाल, सुरक्षा आदि सुनिश्चित करने के लिए करती हैं।
Published on:
09 May 2024 09:19 am
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