
लीबिया में गृहयुद्ध
जयपुर.
यूरोपीय देशों और खाड़ी देशों की वार्ता के बाद अफ्रीकी देश लीबिया में 2011 से जारी गृहयुद्ध फिलहाल टलता नजर आ रहा है। दरअसल 2011 में नाटो देशों की कार्रवाई में मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद देश दो धड़ों में बंट गया और गृहयुद्ध शुरू हो गया। एक तरफ संयुक्त राष्ट्र समर्थित फयाज अल सराज है तो दूसरी ओर रूस समर्थित खलीफा हफ्टार के लड़ाके हैं। लड़ाई में अब तक दो हजार सैनिक और लाखों नागरिक मारे जा चुके हैं। वार्ता में रूस, तुर्की, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात ने गृहयुद्ध में शामिल गुटों को हथियार और सैन्य सहायता नहीं देने की बात कही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता की वजह लीबिया का तेल भंडार है। सरकारी तेल कंपनी एनओसी को विद्रोही गुट तेल की आपूर्ति करने पर धमकी भी देते रहे हंै। दूसरी वजह शरणार्थियों को रोकना है, क्योंकि लीबिया के रास्ते ही शरणार्थी यूरोप में दाखिल होते हैं।
Published on:
28 Jan 2020 04:24 pm
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