जिस तरह बिल्ली और चमगादड़ अंधेरे में देख सकते हैं, अब इंसान भी ऐसा कर सकेंगे। कैसे? आइए जानते हैं।
अब इंसानों को भी ऐसी नज़र मिल सकती है, जो सिर्फ बिल्ली, उल्लू, सांप या चमगादड़ जैसी प्रजातियों में पाई जाती है। चीन की साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसा कॉन्टेक्ट लेंस तैयार किया है, जो इंसान को इंफ्रारेड (पराबैंगनी) रोशनी देखने की क्षमता देता है। इस लेंस को पहनकर इंसान अंधेरे में उन चीज़ों को भी देख सकेंगे, जिन्हें सामान्य तौर पर नहीं देख सकते।
चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि नई टेक्नोलॉजी से इंसान ‘सुपरह्यूमन विज़न’ पा सकते हैं। यह लेंस पूरी तरह पारदर्शी है। इसे पहनने वाला इंसान सामान्य रोशनी के रंग भी देख सकता है और इंफ्रारेड भी।
इस लेंस में खास तरह के नैनोपार्टिकल्स लगाए गए हैं। ये इंफ्रारेड रोशनी को इंसान की आंखों के लिए लाल, हरे या नीले रंगों में बदल देते हैं। पहले वैज्ञानिकों ने यह तकनीक चूहों पर आजमाई थी। उनकी आंख के पीछे इंजेक्शन लगाना पड़ता था। इंसानों के लिए लेंस इस तरह बनाया गया है कि इंजेक्शन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
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यह लेंस सिर्फ तेज़ इंफ्रारेड रोशनी देख पाने में सक्षम है। इसकी मदद से सेना के जवान भारी नाइट विज़न डिवाइस के बगैर अंधेरे में देख सकेंगे। इंफ्रारेड रोशनी से भेजे गए मैसेज आम लोगों को नज़र नहीं आते। लेंस पहनकर उन्हें पढ़ा जा सकता है। जो लोग कुछ रंग नहीं देख सकते, उनके लिए लेंस के जरिए उन रंगों को रोशनी में बदला जा सकता है। लेंस को और प्रभावी बनाने की दिशा में काम चल रहा है।
रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक प्रो. तियान शुए और डॉ. युकियन मा का कहना है कि यह खोज इंसानी नजर की सीमाएं तोडऩे की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि उनका सपना है कि आने वाले समय में हर इंसान को ऐसी नज़र दी जा सके, जो फिलहाल वैज्ञानिकों को लैब में ही मुमकिन लगती है। लेंस बाज़ार में कब आएगा, फिलहाल इसका इसका खुलासा नहीं किया गया है।
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