Bangladesh: यूनुस सरकार के आते ही बांग्लादेश में फैली भुखमरी, संयुक्त राष्ट्र ने जारी की रिपोर्ट
Bangladesh: शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है। जिसके चलते देश में गंभीर भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है।
Bangladesh: पिछले साल अगस्त महीने में बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट हुआ, तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं। उनके बाद नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने बांग्लादेश की कमान संभाली। लेकिन यूनुस सरकार का ध्यान बांग्लादेश को चलाने से ज्यादा हिंदू और भारत विरोधी गतिविधियों में रहा, जिसका नतीजा ये निकला कि शेख हसीना (Sheikh Hasina) के जाने के बाद अब बांग्लादेश भूखा मर रहा है। जी हां, संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी कर इस तथ्य की पुष्टि की है कि शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में भुखमरी फैल गई है।
शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है। जिसके चलते देश में गंभीर भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है।
Under the threat of weapons, terrorists demolished the houses provided by the #Ashrayan Project for the poor and helpless. In Pabna, armed miscreants have demolished 60 houses from the Mujib Year Ashrayan (Shelter) Project, leaving the victimized families homeless and forced to… pic.twitter.com/mcGtxFBkEc
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में भीषण खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों की संख्या में 71 लाख लोगों की बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या पिछले साल दिसंबर में 2 करोड़ 36 लाख तक पहुंच गई, जबकि 2024 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान यह संख्या एक करोड़ 65 लाख थी। दूसरे शब्दों में, वर्तमान में हर सात में से एक बांग्लादेशी गंभीर खाद्य असुरक्षा में जी रहा है, जबकि तीन महीने पहले यह संख्या दस में से एक थी।
83 लाख टन खाद्य आयात की जरूरत
बांग्लादेश पर अपने नवीनतम संक्षिप्त विवरण में, खाद्य एवं कृषि पर वैश्विक सूचना एवं प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (GIEWS) ने यह भी चेतावनी दी है कि देश को अपने कम विदेशी मुद्रा भंडार और कमजोर राष्ट्रीय मुद्रा के कारण इस वर्ष अनुमानित 83 लाख टन खाद्य आयात जरूरतों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। GIEWS, FAO का ही एक कार्यक्रम है।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी लगा धक्का
एक तरफ बांग्लादेश भूखमरी में जी रहा तो दूसरी तरफ इसके और ज्यादा गर्त में जाने के संकेत मिल रहे हैं। क्योकि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व ने अमेरिकी प्रशासन ने बांग्लादेश की गारमेंट्स आपूर्ति पर भारी टैक्स लगाने को कहा है। दरअसल अमेरिका में खई तरह के गारमेंट्स बांग्लादेश से आयात किए जाते हैं। बांग्लादेश के लिए अमेरिका एक सबसे बड़ा बाजार है। अगर टैरिफ का फैसला बांग्लादेश पर लागू होता है तो ये इस मुल्क की टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए एक गहरा झटका साबित हो सकता है।