
अफ्रीकी संघ की सुरक्षा परिषद की शांति समिति के प्रमुख बिली विंटर। (फोटो: एएनआई)
India-Africa counterterrorism cooperation: कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ की गई ऑपरेशन सिन्दूर ( Operation Sindoor) की कार्रवाई के बाद हिंदुस्तान को पूरी दुनिया का समर्थन(Operation Sindoor support) मिल रहा है। अफ्रीकी संघ की शांति और सुरक्षा परिषद के प्रमुख बिली विंटर ने भारत के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण (Billy Winter India statement) की सराहना की (India Africa terrorism cooperation) है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका और भारत दोनों ही आतंकवाद के खतरे से जूझ रहे हैं और इस पर मिल कर काम करने की आवश्यकता है। बिली विंटर ने कहा कि भारत का नया सिद्धांत कहता है कि दुनिया में कहीं भी आतंकवादी हमला होता है, तो भारत को जवाब देने का अधिकार (African Union India counterterrorism) है। यह संप्रभु अधिकार है, जिसे अफ्रीकी संघ भी मान्यता देता है।
अफ्रीकी संघ ने भारत के उच्च स्तरीय बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आतंकवाद निरोधक उपायों पर चर्चा की। इसमें अफ्रीकी संघ के अनुभव और प्रतिक्रिया तंत्र साझा किए गए।
भारत और अफ्रीकी संघ ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों पक्षों ने अपने अनुभव साझा किए और इस खतरे को खत्म करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
अफ्रीकी संघ ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की है, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। इससे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
भारत सरकार के सूत्रों ने अफ्रीकी संघ की टिप्पणी को "सकारात्मक और वैश्विक स्तर पर भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए उत्साहवर्धक" बताया है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह समर्थन हमारी रणनीतिक वैधता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करता है।"
अगली बहुपक्षीय बैठक में भारत अफ्रीकी देशों के साथ संयुक्त आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण प्रस्तावित कर सकता है। नई दिल्ली जल्द ही अफ्रीकी संघ के साथ संयुक्त आतंकवादी निगरानी प्रणाली साझा करने की घोषणा कर सकती है।
अफ्रीकी संघ के अनुभव और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तकनीकी पक्ष को मिला कर एक नया "इंटेलिजेंस कोर" मॉडल प्रस्तावित किया जा सकता है। जिबूती और एंटेबे स्थित खुफिया केंद्रों से भारत को सतत खुफिया डेटा मिलने की संभावना है।
Updated on:
31 May 2025 07:57 pm
Published on:
31 May 2025 07:46 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
