
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल। ( फोटो: एएनआई)
Indians trapped in Russian army: भारत सरकार ने रूस से साफ शब्दों में कह दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन भर्ती किए गए भारतीय नागरिकों की तुरंत रिहाई करे। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह केवल एक रणनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानव तस्करी और मानवाधिकार से जुड़ा गंभीर मामला है। मंत्रालय के अनुसार अब तक 126 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया गया, जिनमें से 12 की मौत हो चुकी है और 16 लापता हैं। कई लोगों को अवैध मानव तस्करी रैकेट के माध्यम से झांसे में लेकर रूस भेजा गया, जहां उन्हें युद्ध में आगे की पंक्ति में रखा गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा: "हमने रूस से मांग की है कि जो 18 भारतीय अभी वहां बचे हैं, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। 16 लोगों की लोकेशन पता नहीं है, जिन्हें रूस ने 'लापता' घोषित किया है। हम लगातार मॉस्को में अधिकारियों के संपर्क में हैं।" भारत ने यह भी कहा कि वह मानव तस्करी रैकेट की जांच को गंभीरता से ले रहा है, जिससे मासूम भारतीय युवाओं को युद्ध में धकेला गया।
गौरतलब है कि बीआई ने पिछले साल देशभर में फैले मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। यह रैकेट युवाओं को विदेश में नौकरी का वादा कर रूस भेज रहा था, लेकिन वहाँ पहुँचते ही उन्हें युद्ध के मैदान में भेज दिया जाता था।
भारत सरकार रूस में मारे गए बिनिल बाबू के पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया में लगी हुई है। एक अन्य भारतीय घायल है, जिसका मॉस्को में इलाज चल रहा है और वह जल्द भारत लौटेगा।
भारत-रूस के बीच अगला शिखर सम्मेलन दिल्ली में होना तय है, लेकिन तारीखों पर अभी चर्चा जारी है। रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग पर बातचीत होगी। वहीं, भारत चाहता है कि इस मुद्दे को भी रणनीतिक स्तर पर गंभीरता से उठाया जाए।
Published on:
17 Jul 2025 07:15 pm
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