
WEF, Davos
WEF: दावोस में विश्व आर्थिक मंच यानी WEF में भारत का दबदबा दिखा। अब तक का सबसे बड़ा दल इस वैश्विक आयोजन में शामिल हुआ। केंद्र और राज्य सरकारों के एकीकृत पवेलियन से लेकर साझा प्रेस कांफ्रेंस ने भारत की एकता को प्रदर्शित किया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच में केंद्रीय मंत्रियों और तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम यहां अलग-अलग राजनीतिक दलों, भाषा और धर्म से यहां एकत्र होकर भारत की विविधता भरी एकता को प्रदर्शित कर रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अमरीका के साथ हमारे संबंध बहुत परिपक्व तरीके से विकसित हुए हैं। हम कई प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का संयुक्त रूप से निर्माण कर रहे हैं। हमने कई संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किए हैं और हम क्वाड का हिस्सा हैं, जहां विश्व की सुरक्षा में साझा हित है।
इस बयान में आगे कहा गया कि हम मानते हैं कि अमेरिका में हुआ बदलाव पूरे विश्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। यह भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होगा। अमरीका और भारत के बीच विश्वास का संबंध प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था एवं अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के विकास में मदद करेगा।
सम्मेलन में वैष्णव ने वैश्विक दिग्गजों और उद्योग प्रमुखों को संबोधित करते हुए समावेशी विकास के बारे में भारत के दृष्टिकोण और इसकी उल्लेखनीय विकास गाथा प्रस्तुत की। टीम इंडिया ने देश की असाधारण विकास कहानी को उजागर किया कि भारत एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार और नवाचार केंद्र क्यों है।
बता दें कि दावोस 2025 में भारत ने आर्थिक भविष्य के बारे में चर्चा पर जोर दिया। भारत ने वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच विकास को बनाए रखने की क्षमता पर फोकस किया।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी वैश्विक भूमिका का विस्तार करना जारी रखता है, जो G-20 में अपने हालिया नेतृत्व और विस्तारित ब्रिक्स ब्लॉक में अपनी स्थिति को और मजबूत बनाता है। दावोस में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने यूरोपीय संघ-भारत संबंधों को मजबूत करने की बात भी कही। उन्होंने ऐलान किया कि नए आयोग के साथ उनकी पहली यात्रा भारत की होगी ताकि दुनिया के सबसे बड़े देश और लोकतंत्र के साथ रणनीतिक साझेदारी को उन्नत किया जा सके।
Updated on:
25 Jan 2025 09:10 am
Published on:
25 Jan 2025 09:08 am
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