
India ends transshipment to Bangladesh
बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के लीडर मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) कुछ दिन पहले ही चीन (China) दौरे पर गए थे। चीन में यूनुस ने चाइनीज़ राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से मुलाकात की और बांग्लादेश-चीन के संबंधों में मज़बूती लाने और दोनों देशों की ट्रेड सेक्टर में पार्टनरशिप को बढ़ाने पर भी चर्चा की। इस दौरान यूनुस ने भारत (India) पर भी निशाना साधा और नॉर्थईस्ट के '7 सिस्टर्स' स्टेट पर विवादित बयान देते हुए कहा कि ये सातों राज्य भूमि से घिरा क्षेत्र (Landlocked) है। ऐसे में उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है और बांग्लादेश इस क्षेत्र में ”समुद्र का एकमात्र संरक्षक” है। भारत की तरफ से यूनुस के इस बयान की निंदा भी की गई थी और असम (Assam) के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने यूनुस को करारा जवाब भी दिया। अब भारत ने एक ऐसा कदम उठाया है जिससे बांग्लादेश को झटका लगा है।
भारत ने बांग्लादेश को बड़ा झटका देते हुए अपने पड़ोसी देश को दी जाने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधा बंद करने का फैसला लिया है। भारत के सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स ने सर्कुलर जारी करते हुए अपने 29 जून, 2020 के पुराने आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके अनुसार बांग्लादेश से दूसरे देशों तक पहुंचाने वाले सामान को भारत के रास्ते भेजने का ग्रीन सिग्नल दिया गया था। अब भारत ने इस सुविधा को बंद कर दिया है।
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भारत की तरफ से बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधा को बंद करना बांग्लादेश की चरमराई अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर है। पहले बांग्लादेश इस सुविधा का इस्तेमाल करते हुए भूटान (Bhutan), नेपाल (Nepal) और म्यांमार (Myanmar) जैसे देशों को अपना सामान बेचता था। इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलती थी। बांग्लादेश का सामान ज़मीन के रास्ते भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंचता था और फिर इसे आगे पहुंचाया जाता था। भारत ने बिना किसी टैरिफ के बांग्लादेश को यह सुविधा दी हुई थी, लेकिन अब इसे बंद करने से बांग्लादेश को काफी नुकसान होगा।
बांग्लादेश में तख्तापलट होने और शेख हसीना (Sheikh Hasina) के देश छोड़ने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जो अत्याचार शुरू हुए वो यूनुस के अंतरिम सरकार का लीडर बनने के बाद भी जारी रहे। भारत सरकार के इस मामले पर बांग्लादेश अंतरिम सरकार से एक्शन लेने की मांग का भी कोई फायदा नहीं हुआ, जिससे दोनों देशों के संबंधों में दरार पड़ गई। भारत ने भी शेख हसीना को शरण दे रखी है और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इसके खिलाफ है। इस वजह से भी दोनों देशों के संबंधों में दरार और बढ़ गई। संबंधों में दरार और यूनुस के इस पूरे मामले के विषय में रवैये को देखते हुए ही भारत ने यह कदम उठाया है।
Updated on:
10 Apr 2025 09:00 am
Published on:
09 Apr 2025 03:58 pm
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