
अमेरिका में आईसीई ने जॉर्जिया में हुंडई-एलजी के इलेक्ट्रिक वाहन संयंत्र स्थल पर अनिर्दिष्ट कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। (फोटो: एक्स.)
Indian migrant workers safety abroad: दक्षिण कोरिया ने जॉर्जिया में हुंडई के इलेक्ट्रिक वाहन संयंत्र पर हुए बड़े पैमाने पर छापे (South Korea Georgia raid) के बाद हिरासत में लिए गए 300 से अधिक अपने नागरिकों को रिहा कर घर वापस भेजने (Worker repatriation) का फैसला किया है। यह घोषणा रविवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के मुख्य सचिव कांग हून-सिक ने की। उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच बातचीत सफलतापूर्वक पूरी हो गई है, और जल्द ही श्रमिकों को घर लाने के लिए चार्टर विमान भेजा जाएगा। इससे विदेशों की जेलों में बंद हजारों प्रवासी मजदूरों (Overseas worker safety) को भी राहत मिलने की उम्मीद जागी है।
दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री चो ह्युन सोमवार को अमेरिका पहुंचेंगे, ताकि श्रमिकों की वापसी को लेकर अंतिम समझौते पर काम किया जा सके। इससे पहले, अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को जॉर्जिया में हुंडई के एक निर्माणाधीन कारखाने पर छापा मारा था, जिसमें 475 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें अधिकतर दक्षिण कोरियाई नागरिक थे। यह कारखाना इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियों का उत्पादन करता है, जो हुंडई और एलजी एनर्जी सॉल्यूशन के संयुक्त प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
जॉर्जिया में लगभग 10,000 से 15,000 भारतीय प्रवासी रहते हैं। इनमें से लगभग 5,000 से 7,000 भारतीय मजदूर और कामगार श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं, जो खासकर निर्माण, टेक्सटाइल, हॉस्पिटैलिटी, और सर्विस सेक्टर में काम करते हैं।
दक्षिण कोरिया की सरकार द्वारा अपने श्रमिकों की सुरक्षा और वापसी सुनिश्चित करना भारत के लिए भी एक उदाहरण है। कई भारतीय प्रवासी मजदूर भी विदेशों में काम करते हैं और कभी-कभी उन्हें वहां कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भारत के लिए यह जरूरी है कि वह अपने नागरिकों के हितों की सुरक्षा में और अधिक सक्रिय हो और हर संभव सहायता प्रदान करे।
कई देशों में भारतीय मजदूर कई कारणों से जेलों में बंद हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार आइए जानते हैं, किन देशों में कितने भारतीय बंद हैं।
सऊदी अरब में करीब 2,633 भारतीय जेलों में हैं। यह संख्या काफी बड़ी है और इनमें कई मजदूर अपने काम के दौरान या अन्य कारणों से फंसे हुए हैं। भारत सरकार ने भी इस बात की पुष्टि की है।
यूएई में लगभग 2,518 भारतीय नागरिक जेल में हैं। यहां भी अधिकांश लोग काम करने आए थे, लेकिन कुछ कानूनी समस्याओं की वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया।
नेपाल में भी भारतीय नागरिकों की संख्या जेलों में करीब 1,317 है। नेपाल हमारे पड़ोसी देश है, इसलिए यहां भारतीयों की संख्या अधिक है।
कुवैत में लगभग 1,000 भारतीय जेलों में बंद हैं। यहां भी कई भारतीय काम करते हैं और कुछ कानूनी मामलों में फंसे हैं।
क़तर में 611 भारतीय नागरिक जेलों में हैं। कई भारतीय वहां काम के लिए गए थे, लेकिन कुछ कारणों से फंस गए।
मलेशिया में लगभग 338 भारतीय जेल में हैं। यहां की संख्या कुछ कम है लेकिन वहां भी कुछ लोग फंसे हुए हैं।
चीन में करीब 173 भारतीय जेलों में हैं। यह संख्या बाकी देशों की तुलना में कम है, लेकिन फिर भी कई लोग वहां फंसे हुए हैं।
कुल मिलाकर दुनिया के कई देशों में भारतीय मजदूर और नागरिक विभिन्न कारणों से जेलों में बंद हैं। भारत सरकार लगातार इन मामलों में मदद कर रही है और फंसे हुए लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
भारत के प्रवासी मजदूरों की विदेशों से वापसी की कई घटनाएं देश के लिए महत्वपूर्ण रही हैं। खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान जब कई देशों में लॉकडाउन लागू हुआ, तब लाखों भारतीय मजदूरों को भारत वापस लाना पड़ा। भारत सरकार ने “विशेष विमान” चलाकर इस वापसी को आसान बनाया। एयर इंडिया और अन्य विमान कंपनियों ने लाखों प्रवासियों को घर वापस पहुंचाने का काम किया।
भारत सरकार ने विदेशों में फंसे अपने नागरिकों के लिए समय-समय पर विशेष फ्लाइटें और राहत उपाय किए हैं। विदेश मंत्रालय लगातार भारतीय दूतावासों के जरिए फंसे लोगों की मदद कर रहा है। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। यह कदम भारत सरकार की अपनी जनता के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
बहरहाल जॉर्जिया में हुंडई संयंत्र पर हुए छापे के बाद दक्षिण कोरियाई श्रमिकों की सुरक्षित वापसी यह दर्शाती है कि किसी भी देश की सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। भारत भी अपने प्रवासी मजदूरों के लिए ऐसे कदम उठा सकता है, जिससे वे विदेशों में सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन बिताएं। यह घटना भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा के मामले में सख्त और सक्रिय होने की जरूरत का एहसास कराती है।
Published on:
07 Sept 2025 08:56 pm
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