
भारत-सऊदी अरब में हो सकता है नया समझौता। ( फोटो: ANI)
India Saudi Textile Deal: भारत और सऊदी अरब जल्द ही कपड़ा व्यापार (India Saudi Textile) दुगुना करने वाला समझौता कर सकते हैं। दोनों देशों के अधिकारी इस डील (Textile Trade Deal) को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। सऊदी अरब भारत से ज्यादा उच्च गुणवत्ता वाले कपड़े और परिधान आयात करना चाहता है। कपड़ा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह एमओयू अपने आखिरी दौर में है। इसमें शुल्क कम करने व विशेष उत्पादों पर साझेदारी और कई तरह के सहयोग की बात हो रही है। भारत फिलहाल सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा आपूर्तिकर्ता है। सन 2024 में भारत ने वहां 517.5 मिलियन डॉलर के कपड़े निर्यात (Indian Fabric Exports) किए हैं, जो सऊदी के कुल आयात का 11.2 प्रतिशत है। सऊदी अरब ने पिछले साल दुनिया भर से 6.27 अरब डॉलर के कपड़े और परिधान खरीदे हैं। इनमें परिधान 65%, कपड़ा 15%, कालीन 8% और तैयार सामान 6% शामिल रहा। उधर चीन 46% हिस्से के साथ नंबर एक पर है, लेकिन सऊदी अरब (Saudi Arabia Investment) भारत की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है।
सूत्रों का कहना है कि दोनों देश मिल कर व्यापार को 20-25% तक बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। एमओयू में खास तरह का सहयोग होगा, जैसे फैशन शो, प्रदर्शनियां और मेले शामिल हैं। भारत टैक्स इवेंट में सऊदी अरब का बड़ा प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा। सऊदी अरब को भारत के कपड़ों की गुणवत्ता बहुत पसंद है। अधिकारी बोले, "बातचीत बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है।"
दोनों पक्ष शुल्क में छूट, उत्पाद-आधारित पार्टनरशिप और सहयोगी कार्यक्रमों पर फोकस कर रहे हैं। सऊदी अरब भारत के रेडीमेड गारमेंट्स में निवेश करना चाहता है। साथ ही हथकरघा, हस्तशिल्प और कालीनों में मौके तलाश कर रहा है। दोनों देशों ने सस्टेनेबिलिटी यानि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों पर जोर दिया है।
सऊदी अरब के उद्योग व खनिज संसाधन उप मंत्री खलील इब्न सलामाह के नेतृत्व में बुधवार को एक हाई-लेवल डेलिगेशन दिल्ली पहुंचा। उन्होंने उद्योग भवन में भारत के कपड़ा सचिव से मुलाकात की। बैठक में मानव-निर्मित फाइबर (MMF) और तकनीकी कपड़ों में गहरा सहयोग की बात हुई। भारत इन क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है, जबकि सऊदी पेट्रो कैमिकल हब होने के कारण ज्यादा फायदा दे सकता है।
यह समझौता सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि लंबी साझेदारी की नींव रखेगा। सऊदी भारत से आयात बढ़ा कर चीन पर निर्भरता कम करना चाहता है। भारत को भी मिडिल ईस्ट में मजबूत बाजार मिलेगा। दोनों देश फैशन, टेक्नोलॉजी और निवेश के जरिये कपड़ा सेक्टर को नई ऊंचाई देंगे।अगर यह डील हो गई, तो भारतीय कपड़ा उद्योग को बड़ा बूस्ट मिलेगा। हजारों नई नौकरियां बन सकती हैं। सऊदी में भारतीय ब्रांड्स की दुकानें खुल सकती हैं। साथ ही, सऊदी निवेश से भारत में नई फैक्टरियां लगेंगी। दोनों देश मिलकर ग्लोबल मार्केट में मजबूत चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय कपड़ा उद्योग में खुशी की लहर है। व्यापारी इसे गेम-चेंजर बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर #IndiaSaudiTextileDeal ट्रेंड कर रहा है। कई लोग कह रहे हैं कि इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। सऊदी में रहने वाले भारतीयों ने इसे दोस्ती की नई मिसाल बताया।
बहरहाल यह डील सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ाएगी। सऊदी अरब में भारतीय डिजाइनर फैशन शो करेंगे। साथ ही, सऊदी महिलाओं के लिए अबाया में भारतीय टच आएगा। पर्यावरण-अनुकूल कपड़े दोनों देशों की साझा प्राथमिकता बनेंगे। (ANI)
Published on:
14 Nov 2025 12:06 pm
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