
अमेरिका के अलास्का में एक साथ मौजूद भारत और अमेरिका की सेनाएं। (फोटो: आईएएनएस.)
India-US Military Exercise 2025: भारत और अमेरिका की सेनाएं इस समय अमेरिका के अलास्का में एक साथ ‘युद्ध अभ्यास 2025 (India US Military Exercise 2025)’ कर रही हैं। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से हो रहा है। यह अभ्यास (Yudh Abhyas 2025) 1 सितंबर से शुरू हुआ है और 14 सितंबर तक चलेगा। इसमें 450 भारतीय सैनिक हिस्सा ले रहे हैं, जिनका नेतृत्व मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है। इस सैन्य अभ्यास में दोनों देश मिलकर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, ड्रोन टेक्नोलॉजी, निगरानी सिस्टम और मानव रहित हवाई प्रणालियों के उपयोग का अभ्यास कर रहे हैं। इसके साथ ही, काउंटर-ड्रोन सिस्टम से निपटने की रणनीति पर भी (Indo US defense cooperation) काम हो रहा है। अभ्यास में लाइव फायरिंग और मेडिकल इवैक्यूएशन जैसे मौजूदा युद्धकालीन ऑपरेशन (Arctic military training) भी शामिल हैं।
यह युद्ध अभ्यास खासतौर पर ऐसे जटिल भौगोलिक और मौसमीय परिस्थितियों में किया जा रहा है, जो पहाड़ी और बर्फीले इलाकों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं। अलास्का का वातावरण इन परिस्थितियों का सटीक प्रतिनिधित्व करता है। हेलीबोर्न, एयर-मोबिलिटी ऑपरेशन, तोपखाने और एविएशन सिस्टम को शामिल करते हुए अभ्यास को और ज्यादा यथार्थपूर्ण और सामरिक बनाया गया है।
भारत और अमेरिका के बीच यह अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ का 21वां संस्करण है। पहली बार यह अभ्यास 2002 में पलटन स्तर पर शुरू हुआ था, जो अब पूर्ण सामरिक सहयोग का प्रतीक बन चुका है। भारत और अमेरिका के बीच मलाबार, कोप इंडिया, वज्र प्रहार और टाइगर ट्रायम्फ जैसे अन्य अभ्यास भी होते हैं, जो दोनों देशों के बीच सुरक्षा और सामरिक सहयोग को मजबूत करते हैं।
‘युद्ध अभ्यास 2025’ से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। दोनों देश यह संदेश दे रहे हैं कि वे न केवल एक-दूसरे के रणनीतिक सहयोगी हैं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध भी हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस अभ्यास ने एक ऐसा सुरक्षित और सामरिक माहौल तैयार किया है, जिसमें दोनों सेनाएं एक-दूसरे के साथ विश्वास और समन्वय के साथ काम कर सकती हैं।
रक्षा विशेषज्ञों ने इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को भारत-अमेरिका के बीच सामरिक भरोसे का मजबूत संकेत बताया है। उनका कहना है कि ऐसे समय में जब अमेरिका में टैरिफ वॉर जैसे व्यापारिक तनाव चल रहे हैं, भारत की सैन्य भागीदारी यह दर्शाती है कि रक्षा सहयोग इन सब से ऊपर है।
अब देखना यह होगा कि 'युद्ध अभ्यास 2025' के बाद भारत और अमेरिका के बीच क्या नई सैन्य समझौतियाँ होती हैं। साथ ही, इस अभ्यास से जुड़े फील्ड रिपोर्ट्स, सैनिकों की प्रतिक्रिया और रणनीतिक परिणामों पर आने वाले दिनों में और अपडेट्स सामने आ सकते हैं।
बहरहाल इस अभ्यास में भारतीय सेना की भागीदारी सिर्फ सैन्य ट्रेनिंग तक सीमित नहीं है। सैनिकों के लिए यह एक नई संस्कृति, जलवायु और टेक्नोलॉजी को जानने का भी अवसर है। अलास्का की सर्द हवाओं में भारत के सैनिकों की तैयारी, इस अभ्यास को और भी चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प बना रही है।
Updated on:
07 Sept 2025 04:49 pm
Published on:
07 Sept 2025 04:46 pm
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