
अनीता आनंद
Canada PM: कनाडा के प्रधानमंत्री पद की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं अनीता आनंद ने खुद को इस रेस से बाहर कर लिया है। उन्होंने इसे लेकर एक बयान भी सोशल मीडिया पर जारी किया है। वर्तमान में कनाडा की परिवहन मंत्री अनीता आनंद (Anita Anand) ने शनिवार दोपहर (स्थानीय समय) कहा कि वो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ही तरह जिंदगी के नए अध्याय की शुरुआत कर रही हैं। वहीं अब विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी और उसके नेता पियरे मार्सेल पोइलिवरे के पक्ष में होने वाले चुनाव के चलते अब लिबरल पार्टी के नेतृत्व और प्रधानमंत्री पद को लेकर हालात कठिन होते जा रहे हैं। अनीता के बाहर होने के बाद, कनाडा के दो और प्रमुख नेता विदेश मंत्री मेलानी जोली और वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर होने का फैसला किया है। गौर करने वाली बात ये है कि ये सब तब हो रहा है, जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justine Trudeau) ने पिछले सप्ताह अपने इस्तीफे की घोषणा की थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अनीता आनंद ने पोस्ट कर कहा, "अब जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने अगले अध्याय की शुरुआत का फैसला लिया है, तो मैंने भी तय किया है कि मेरे लिए भी यह सही समय है। मैं अब अपने पुराने पेशेवर जीवन में, जो एजुकेशन, रिसर्च और पब्लिक पॉलिसी एनालिसिस से जुड़ा है, उसमें ही लौटना चाहती हूं।
बता दें कि व्यवसाय और वित्त कानून की विशेषज्ञ अनीता आनंद टोरंटो विश्वविद्यालय में स्थायी कानून प्रोफेसर थीं। राजनीति में आने से पहले 2019 में ओंटारियो के ओकविले से सांसद बनने से पहले उन्होंने अमेरिका के येल विश्वविद्यालय में विजिटिंग लेक्चरार के तौर पर काम किया था।
अनीता ने इसके आगे कहा कि, "मेरे पहले चुनाव अभियान के दौरान, कई लोगों ने मुझसे कहा कि भारतीय मूल की एक महिला ओकविले, ओंटारियो से नहीं चुनी जा सकती। फिर भी, ओकविले ने 2019 के बाद से दो बार मेरे साथ खड़ा होकर मुझे समर्थन दिया, ये एक सम्मान है जिसे मैं हमेशा अपने दिल में संजोकर रखूंगी।"
अनीता आनंद के पिता SV आनंद, तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानी वी.ए. सुंदरम के बेटे थे। उनकी मां, सरोज राम, पंजाब से थीं और दोनों डॉक्टर थे, जिन्होंने कनाडा में आकर बसने का फैसला किया। 2019 में ट्रूडो कैबिनेट में सार्वजनिक सेवा मंत्री के रूप में शामिल होकर उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान कनाडा के पास पर्याप्त चिकित्सा उपकरण और टीके उपलब्ध हों।
अनीता आनंद के बाहर निकलने के बाद अब कनाडा पीएम पद की रेस में सिर्फ एक ही भारतवंशी रह गया है और वो हैं कनाडा के सांसद चंद्रा आर्य। चंद्रा आर्य प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justine Trudeau) के वफादार माने जाते हैं। लेकिन उन्होंने भारत विरोधी कई मुद्दों जैसे, खालिस्तानियों का मामले पर आवाज़ उठाई है। वे कनाडा के टोरंटो में हुए हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ जैसे मामलों पर अपना पुरजोर विरोध दर्ज कराया था। इसके लिए उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को दोषी माना था।
Updated on:
12 Jan 2025 11:10 am
Published on:
12 Jan 2025 11:09 am
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