
Traffic signal lights
रोड पर कोई भी व्हीकल चलाने के लिए सेफ्टी के साथ ही ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) का ध्यान रखना और पालन करना भी बहुत ज़रूरी है। ट्रैफिक नियम रोड सेफ्टी के लिए ही बने होते हैं, ऐसे में इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ट्रैफिक नियम कई तरह के होते हैं, जिनमें ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) लाइट्स को फॉलो करना एक बेहद ही अहम नियम है। ट्रैफिक लाइट्स 3 रंगों की होती हैं। लाल, पीली और हरी। किस लाइट के जलने पर क्या करना होता है, यह भी सभी को पता होता है। पर क्या आपको पता हैं कि ट्रैफिक सिग्नल की लाइट्स के लिए इन तीनों रंगों को ही क्यों चुना गया? आइए इसके पीछे की दिलचस्प वजह को जानते हैं।
ट्रैफिक सिग्नल की लाइट्स के रंगों की दिलचस्प वजह
ट्रैफिक सिग्नल की लाइट्स को लाल, पीली और हरी ही क्यों चुना गया, इसके पीछे दिलचस्प वजहें हैं। आइए इस बारे में जानते हैं।
Red Light
रेड लाइट यानी कि लाल लाइट रुकने का सिग्नल है। पर ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि रुकने के लिए सिग्नल के तौर पर लाइट के लिए लाल रंग ही क्यों चुना गया। इसकी वजह है लाल रंग का अन्य रंगों के मुकाबले ज़्यादा भड़कीला होना। लाल रंग आँखों के रेटिना के लिए ज़्यादा विज़िबल होता है। ऐसे में इसे दूर से ही सही से देखा जा सकता है। इसलिए इसे रुकने का सिग्नल करने वाली लाइट के रंग के और पर चुना गया। इसके अलावा लाल रंग खतरे का भी संकेत होता है।
Yellow Light
येलो लाइट यानी कि पीली लाइट धीमे होने या रुकने के लिए तैयार होने का सिग्नल है। इस लाइट के लिए पीले रंग को ही क्यों चुना गया, इस बारे में भी ज़्यादातर लोग नहीं जानते। पीला रंग तैयार होने का संकेत देता है। इसलिए इसे धीमे होने या रुकने के लिए तैयार होने वाली लाइट के रंग के तौर पर चुना गया।
Green Light
ग्रीन लाइट यानी कि हरी लाइट आगे बढ़ने का सिग्नल है। ट्रैफिक सिग्नल पर आगे बढ़ने के लिए लाइट के तौर पर इस रंग का चयन क्यों किया गया, इस बारे में भी ज़्यादातर लोगों को नहीं पता होता। हरा रंग आगे बढ़ने का संकेत देता है। इसलिए इसे आगे बढ़ने का सिग्नल करने वाली लाइट के रंग के तौर पर चुना गया।
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Updated on:
31 Oct 2024 08:07 am
Published on:
31 Oct 2024 08:05 am
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