7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही घबराया ईरान! शुरू किया सैन्याभ्यास

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन लग रहा है ईरान इससे पहले ही घबरा गया है।

2 min read
Google source verification
Iran braces for second term of Donald Trump

Iran braces for second term of Donald Trump

अमेरिका (United States Of America) में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की सरकार बनने जा रही है। ट्रंप की शपथ ग्रहण में अब 7 दिन ही बाकी हैं। अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में स्थित अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग (US Capital Building) में ट्रंप देश के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी को शपथ लेंगे। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को लेकर अलग-अलग देशों का अलग-अलग नज़रिया है। अगर ईरान (Iran) की बात करें, तो लगता है कि वो ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही घबरा गया है।

ईरान ने शुरू किया सैन्याभ्यास

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने से पहले ही ईरान ने कुछ ऐसा कर दिया है जिससे उसकी घबराहट दिख रही है। ईरान ने इस महीने बड़े लेवल पर अपना सैन्याभ्यास शुरू कर दिया है, जो कई सालों में अब तक का सबसे बड़ा ईरानी सैन्याभ्यास है। इस दौरान हज़ारों ड्रोन्स, रॉकेट लॉन्चर्स और बैलिस्टिक मिसाइलों की परेड की गई।

यह भी पढ़ें- लॉस एंजेलिस में कैसे लगी विनाशकारी आग? हादसा या साजिश!

ट्रंप लगा सकते हैं नए प्रतिबंध!

अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से संबंध खराब ही रहे हैं। अमेरिका इतने सालों में ईरान पर कई प्रतिबंध लगा चुका है और ट्रंप के आने के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।

बैकफुट पर ईरान

इज़रायल (Israel) की मिसाइल स्ट्राइक को झेलने के साथ ही ईरान के समर्थित आतंकी संगठनों हमास और हिज़बुल्लाह को भी इज़्रायक के खिलाफ युद्ध में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेरिका के नए प्रतिबंधों की वजह से ईरान के तेल की बिक्री में भी गिरावट आ सकती है, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है। ऐसे में ईरान बैकफुट पर आ गया है।

यह भी पढ़ें- Los Angeles Fires: घर बचाने के लिए हर घंटे 1.7 लाख रुपये करने पड़ रहे खर्च, मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 24

ईरान के सैन्याभ्यास को क्यों माना जा रहा है घबराहट का संकेत

सैन्याभ्यास के ज़रिए ईरान अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसे घबराहट का संकेत माना जा रहा है। ईरान बड़े लेवल पर मिसाइलों का प्रोडक्शन कर रहा है। इतना ही नहीं, ईरान के डिफेंस सिस्टम्स भी पूरी तरह से एक्टिव हैं और उन्हें अपग्रेड भी किया जा रहा है। ईरान अपनी न्यूक्लियर स्ट्रैटेजी पर भी काम कर रहा है। ईरान ये सब करके यह दिखाना चाह रहा है कि वो बहुत ही शक्तिशाली है, लेकिन इसे दिखावे के तौर पर देखा जा रहा है कि ईरान ट्रंप के दूसरे कार्यकाल से जुडी अपनी घबराहट को छिपाने के लिए शक्ति-प्रदर्शन कर रहा है।

यह भी पढ़ें- चीन ने फिर किया LAC के पास सैन्याभ्यास, भारत से बढ़ सकता है तनाव