9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘आतंकियों के साथ है अमेरिका’, ईरान को USA देगा 58 हजार करोड़ रुपए!

USA Iran: ईरान की कोर्ट ने कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिका ने आतंकी समूहों का साथ दिया। अब वो ईरान के मारे गए नागरिकों के परिवारों को मुआवजा दे।

2 min read
Google source verification
Iran Court order to USA to give Compensation to iranian citizen

Iran Court order to USA to give Compensation to iranian citizen

USA Iran: ईरान की एक कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अमेरिका इराक और सीरिया में मारे गए ईरानियों के परिवारों को मुआवजा दे। इसके साथ ही अमेरिका को दो महीने की मोहलत भी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सेमी गवर्नमेंट समाचार एजेंसी 'फार्स' के हवाले से इसकी जानकारी दी। कोर्ट ने कहा, अमेरिका को इराक और सीरिया (Iraq And Syria) में 'अमेरिका समर्थित आतंकवादी समूहों' से लड़ते हुए मारे गए ईरानियों के परिवारों को 48.86 अरब डॉलर का मुआवजा देना होगा।

किस मामले में सुनाया फैसला

सिन्हुआ के अनुसार न्यायाधीश माजिद हुसैनजादेह ने शनिवार को तेहरान न्यायालय की 55वीं शाखा में मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के 700 सदस्यों द्वारा अमेरिकी सरकार के खिलाफ 'आतंकवादी और तकफीरी (चरमपंथी) समूहों को स्पष्ट समर्थन' के लिए दायर शिकायतों की दो सत्रों में सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।

फैसले में कहा गया कि अमेरिका समर्थित आतंकियों के हमलों से काफी भौतिक और मानसिक नुकसान हुआ है। लोगों ने अपनों को खो दिया है। कोर्ट ने आतंकवादी समूहों की पहचान 'इस्लामिक स्टेट और अल-नुसरा फ्रंट' के रूप में की और कहा, 'वे अमेरिकी सहयोग और समर्थन के अभाव में ऐसे अपराध नहीं कर सकते।'

58 हजार करोड़ का देना होगा मुआवजा

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के तहत, अमेरिका को प्रत्येक वादी को 10 मिलियन डॉलर, यानी कुल 6.98 बिलियन डॉलर (58965,45,19,802 रुपए) उन्हें हुए भौतिक नुकसान के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक को 20 मिलियन डॉलर यानी कुल 13.96 बिलियन डॉलर, उन्हें हुई मानसिक क्षति के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।

कोर्ट ने यह भी फैसला दिया कि अमेरिका को दंडात्मक हर्जाने के रूप में 27.92 बिलियन डॉलर का भुगतान करना चाहिए। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस निर्णय के खिलाफ दो महीने के अंदर अपील की जा सकती है। बता दें कि ईरान पिछले कुछ वर्षों से इराक और सीरिया में अपने सैन्य कर्मियों को 'आतंकवादी समूहों' के विरुद्ध लड़ने में मदद करने के लिए भेज रहा है।

ये भी पढ़ें- इजरायली PM नेतन्याहू के घर पर दागे गए बम, डिफेंस मिनिस्टर बोले- पार कर दी रेड लाइन

ये भी पढ़ें- कट्टर दुश्मन ईरान और सऊदी अरब हुए ‘एक’, जानिए किस पर कहर ढाएगी ये दोस्ती