
Ali Khamenei (ANI)
अमेरिका (United States Of America) और ईरान (Iran) के बीच लंबे समय से तनाव की स्थिति बनी हुई है। इज़रायल (Israel) के हमास (Hamas) और हिज़बुल्लाह (Hezbollah) के खिलाफ युद्ध की वजह से इज़रायल और ईरान में भी तनाब बढ़ गया। अमेरिका, जो शुरू से ही इज़रायल का मददगार रहा है, ने ईरान के खिलाफ भी इज़रायल को मदद का आश्वासन दिया। इससे अमेरिका और ईरान बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव और बढ़ गया। अमेरिका और ईरान के बीच एक बार फिर जुबानी जंग छिड़ चुकी है और दोनों देशों के बीच स्थिति गंभीर होती जा रही है।
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान पर बमबारी की धमकी दी है। ऐसे में ईरान ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका से सीधे तौर पर बातचीत को खारिज कर दिया है। परमाणु वार्ता को लेकर ट्रंप के ईरान को 'बमबारी' की धमकी दिए जाने के कुछ घंटों बाद ईरान ने 'मिसाइल लॉन्चर्स तैयार करके' ट्रंप की धमकी का जवाब दे दिया है।
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ईरान की मीडिया के अनुसार उनके देश की सेना ने ऐसी मिसाइलें तैयार कर ली हैं, जो दुनियाभर में अमेरिका से जुड़े ठिकानों पर हमला करने की क्षमता रखती हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान की इन लॉन्च-रेडी मिसाइलों की एक बड़ी संख्या देश भर में फैली अंडरग्राउंड मिसाइल सिटीज़ में स्थित है, जिन्हें हवाई हमलों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ईरान ने कथित तौर पर अपनी अपनी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटीज़ में सभी लॉन्चर्स लोड कर लिए हैं और हमला करने के लिए तैयार है। वहीं अमेरिका बार-बार ईरान पर हूती विद्रोहियों को सपोर्ट करने का भी आरोप लगाता रहा है। ऐसे में लॉन्चर्स एक्टिवेट करने से दोनों देशों के बीच हलचल तेज हो गई है और तनाव भी बढ़ गया है। ईरान से ऐसे समय में मिसाइल लॉन्चर्स के एक्टिवेट करने की खबर आई है, जब अमेरिका ने न्यूक्लियर डील पर ईरान को सहमत कराने के लिए हर हथकंडे अपना लिए हैं। सूत्रों की माने तो अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अगर कोई कदम उठाया, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर ईरान समझौता नहीं करता, तो वह उस पर सेकेंडरी टैरिफ भी लगा सकते हैं। इससे पहले ट्रंप ने साल 2018 में, अपने पहले कार्यकाल के दौरान ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी, जिससे ईरान ने यूरेनियम बढ़ाए थे। यह भी एक वजह है कि वर्तमान में अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ ईरान का टकराव बढ़ा है। ईरान ने ओमान (Oman) के ज़रिए ट्रंप के पत्र का जवाब भेजा है, जिसमें ट्रंप ने ईरान से एक नए परमाणु समझौते पर सहमत होने के लिए कहा था। ईरान ने जवाब में कहा है कि जब तक अमेरिका अपनी 'अधिकतम दबाव' की नीति नहीं बदलता है, तब तक कोई भी बातचीत नहीं हो सकती है।
ट्रंप की ईरान को दी जा रही लगातार धमकियों और ईरान के एक के बाद एक नई मिसाइलों को डेवलप करने से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ रहा है। अमेरिका एक तरफ जहाँ अपने एडवांस और मॉडर्न जंगी जहाजों को तैनात कर रहा है, तो दूसरी ओर ईरान के पास भी एक से बढ़कर एक मिसाइलें हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान के पास खैबर शेकन (900 मील रेंज), हाज क़ासिम (850 मील रेंज), घद्र-एच (1,240 मील रेंज) सज्जिल (1,550 मील रेंज) और एमाद (1,050 मील रेंज) जैसी एडवांस मिसाइलें हैं। ये सभी मिसाइलें हाई-प्रिसिशन स्ट्राइक करने में सक्षम हैं, जो अमेरिका के किसी भी तरह के हमले का जवाब देने के लिए सक्षम मानी जाती हैं। अमेरिका ब्रिटिश डिएगो गार्शिया में अपने बी-2 बॉम्बर्स को भी तैनात कर रहा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच नए टकराव की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा है कि क्या इस वजह से एक और युद्ध छिड़ सकता है? फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और ईरान को भी पता है कि अमेरिकी सैन्य शक्ति के आगे उसका टिकना लगभग असंभव है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि ईरान, अमेरिका को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
Updated on:
05 Jul 2025 05:29 pm
Published on:
01 Apr 2025 12:11 pm
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