
ईरान से घर लौटते अफगान नागरिक (फोटो - ह्यूमन राइट्स वॉच)
इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच करीब 12 दिन चले युद्ध को खत्म हुए 16 दिन हो गए हैं। इस युद्ध में इज़रायल को तो नुकसान हुआ ही, लेकिन ईरान को काफी ज़्यादा नुकसान हुआ। इज़रायली हमलों की वजह से ईरान को जान-माल का काफी नुकसान हुआ। ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को इज़रायली हमलों में काफी नुकसान पहुंचा। अमेरिकी बमबारी से भी ईरानी परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा। युद्ध के खत्म होने के बाद से ईरान ने न सिर्फ एक बार फिर से अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की ठानी है, बल्कि एक देश के नागरिकों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।
युद्ध खत्म होने के बाद से ही ईरान से अफगान नागरिकों को डिपोर्ट करने का काम शुरू कर दिया गया था। सिर्फ 16 दिनों में ईरान ने 5 लाख से ज़्यादा अफगान नागरिकों को देश से बाहर निकाल दिया है।
ईरान ने 24 जून से 9 जुलाई के दौरान 5 लाख से ज़्यादा अफगान नागरिकों को देश से बाहर निकाला है। हर दिन औसतन 30,000 से ज़्यादा अफगान नागरिकों को ईरानी अधिकारी देश से बाहर निकाल चुके हैं।
इज़रायल से युद्ध के बाद ईरान ने आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए अफगान नागरिकों को देश से निकालने के फैसला लिया। इतना ही नहीं, ईरान ने मार्च 2025 में ही अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को 6 जुलाई तक देश छोड़ने के लिए कहा था और यह भी साफ कर दिया था कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उन्हें ज़बरदस्ती देश से बाहर निकाला जाएगा।
जानकारी के अनुसार ईरान में शरणार्थियों के तौर पर रह रहे कई अफगान नागरिकों के साथ बर्बरता की जा रही है। डिपोर्ट करने से पहले डिटेंशन सेंटर में अफगान नागरिकों के साथ मारपीट की जा रही है, उन्हें भूखा रखा जा रहा है, उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है।
Updated on:
12 Jul 2025 03:15 pm
Published on:
12 Jul 2025 03:04 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
