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Iran-Israel War: हिज़बुल्लाह और हमास के बड़े हमले, Isreal में बरसे ‘शोले’

Iran-Israel War: ईरान व इज़राइल युद्ध के चलते ईरान के समर्थन में हिज़बुल्लाह और हमास ने इजराइल पर बड़ा अटैक किया है। गोलाबारी से इज़राइल के आसमान में धुंआ और शोले नजर आ रहे हैं।

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Attack on israel

Attack on israel

Iran-Israel War: ईरान इज़राइल युद्ध के चलते दोनों देशों में ​तनाव बढता जा रहा है। ईरान के समर्थन में हिज़बुल्लाह और हमास ने इजराइल पर बड़ा हमला किया है। गोलाबारी से इज़राइल के आसमान में धुंआ और शोले नजर आ रहे हैं।

शूकर की मौत का बदला

हिज़बुल्लाह ने इज़राइली हमले में अपने कमांडर फवाद शूकर की मौत का बदला लेने का ऐलान किया था। हनियेह की हत्या से कुछ घंटे पहले बेरूत में हवाई हमले में फवाद शूकर की मौत हो गई थी। हमला बेरूत के दहिया इलाके में हुआ, जो हिज़बुल्लाह का गढ़ माना जाता है।

शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे

ध्यान रहे कि सऊदी अरब के जेद्दा में हाल ही में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य देशों की आपात बैठक हुई थी। ईरान के अनुरोध पर हुई इस बैठक में कई मुद्दों के अलावा तेहरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानियेह की हत्या पर भी चर्चा हुई। यह बैठक ईरान के लिए ओआईसी सदस्य देशों को अपने जवाबी इरादे समझाने का भी एक अवसर था। वहीं 31 जुलाई को हमास के नेता इस्माईल हानियेह की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद अल-मगदेज़ियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।

ईरान का जवाब "सही समय पर

इसके बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हनियेह की मौत का बदला लेने का ऐलान किया। हमास और ईरान दोनों का कहना था कि 31 जुलाई को इस्माइल हानियेह की हत्या के पीछे इज़राइल का हाथ है, लेकिन इज़राइल ने कोई टिप्पणी नहीं की ,लेकिन आम राय यही है कि इसके पीछे इज़राइल का हाथ है। ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अली बाकिर कानी ने कहा है कि उनके देश के पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान अपना जवाब "सही समय पर" और "सही तरीके से" देगा। किन्नी ने कहा कि ईरान की संभावित प्रतिक्रिया न केवल ईरान की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए होगी, बल्कि 'पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा' के लिए भी होगी।

ईरान भी शर्मिंदा

हमास के प्रमुख इस्माईल हानियेह, जो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान में थे, ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) के अत्यधिक सुरक्षित गेस्ट हाउस में ठहरे थे। इस बहुत सुरक्षित बेस पर हुए हमले में इस्माईल हनियेह की मौत के बाद ईरान को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। इस घटना के बाद से ईरान से जुड़े हर संकेत, हर बयान, हर भाषण पर कड़ी नजर रखी जा रही है कि ईरान इस हमले का जवाब कब और कैसे देगा। साथ ही, चिंताएं भी हैं कि ईरान का पलटवार पूरे क्षेत्र को व्यापक संघर्ष में धकेल सकता है।

कोई प्रभाव नहीं पड़ा

हालांकि, ईरान के विदेश मंत्री ने अभी तक इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया है। पश्चिमी देशों का कहना है कि उनके पास ईरान के बारे में सीमित जानकारी है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान क्या करने की योजना बना रहा है। इस साल अप्रेल में सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर पर हुए हवाई हमले में रिवोल्युशनरी गार्ड के आठ अधिकारी मारे गए थे। यह भी कहा गया कि यह हमला इज़राइल ने कराया था। यह ईरान के लिए एक और अपमानजनक झटका था। दमिश्क में हुए हमले के बाद ईरान ने बदला लेने का इरादा जताया है। इसने इज़राइल पर 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन लॉन्च किए, लेकिन उन्हें इज़राइली-अमेरिकी गठबंधन की ओर से रोक दिया गया और ईरान की जवाबी कार्रवाई का इज़राइल पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा।

दोबारा विचार करने के लिए मजबूर

पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि इस बार ईरान बड़े हमले की तैयारी कर रहा है, जो पिछली नाकामी को न दोहराने की कोशिश हो सकती है,जो अब सही साबित हुई। हाल की मीडिया रिपोर्टों में विस्तार से बताया गया है कि इस्माइल हानियेह की मौत किसी सटीक मिसाइल हमले से नहीं, बल्कि ईरान के अंदर एक स्थानीय हमले से हुई थी। हनियेह पर हमले में कोई ईरानी नागरिक नहीं मारा गया। अब ऐसा लग रहा है कि अरब और पश्चिमी देशों की कूटनीतिक कोशिशों के चलते ईरान इस पूरे मसले पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर हो सकता है।

आंदोलन और मिलिशिया संगठन

पिछले हफ्ते जॉर्डन के विदेश मंत्री ने ईरान का दौरा किया था। उधर बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरानी राष्ट्रपति से बात की थी। फ्रांसीसी दूतावास के अनुसार, मैकएवान ने ईरान से कहा कि "नए सैन्य तनाव को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें।" इस बीच लेबनान में हिज़बुल्लाह लगातार इज़राइल पर हमले कर रहा है। हिज़बुल्लाह लेबनान में एक ईरानी समर्थित राजनीतिक आंदोलन और मिलिशिया संगठन है।

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