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अमेरिका से बातचीत के लिए ईरान ने रखी शर्त – “हमला नहीं करने की गारंटी देनी ज़रूरी”

ईरान ने पहले अमेरिका से बातचीत के लिए इनकार कर दिया था, लेकिन अब ईरान ने इसके लिए एक शर्त रख दी है। क्या है ईरान की शर्त? आइए जानते हैं।

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Jul 12, 2025
Flags of US and Iran (Representational Photo)

इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच करीब 12 दिन चले युद्ध को खत्म कराने के पीछे अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने इसके लिए खुलेआम क्रेडिट भी लिया। हालांकि गौर करने वाली बात यह भी है कि इज़रायल का साथ देने के लिए अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। हालांकि सीज़फायर के बाद ट्रंप ने कहा था कि वह परमाणु समझौते पर ईरान से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन ईरान इसके लिए राज़ी नहीं था। अब इस मामले में ईरान ने यू-टर्न ले लिया है।

अमेरिका से बातचीत के लिए ईरान तैयार

युद्ध के तुरंत बाद ईरान ने अमेरिका से बातचीत पर ग्रीन सिग्नल नहीं दिया था, लेकिन अब लगता हैकि ईरान फिर से अमेरिका से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची (Abbas Araghchi) ने कहा है कि परमाणु मुद्दे पर ईरान एक बार फिर अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार है।


रखी यह शर्त....

ईरान भले ही अमेरिका से फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए ईरान ने एक शर्त भी रखी है। ईरानी विदेश मंत्री अराघची ने कहा है कि अगर अमेरिका, ईरान पर हमला न करने की गारंटी दे, तो ईरान एक बार फिर अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार हो जाएगा।


अमेरिका को बदलना होगा अपना व्यवहार

अराघची ने कहा है कि अमेरिका को अपना व्यवहार बदलना होगा। यह ज़रूरी है कि अमेरिका अपनी गलतियों को स्वीकार करे और उनसे सीखकर उन्हें दोहराने से बचे। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध दोतरफा होने ज़रूरी है, क्योंकि एकतरफा कूटनीतिक संबंध सफल नहीं होते। ऐसे में ईरान और अमेरिका, दोनों को मिलकर, आपसी समझ और शांति से हर मुद्दे पर बातचीत के ज़रिए समाधान निकालना होगा।

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