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अमेरिका के आगे नहीं झुकेगा ईरान! अली खामेनेई ने कहा – “परमाणु प्रोग्राम के मामले में सरेंडर नहीं करेंगे”

Iran-USA Dispute: परमाणु प्रोग्राम को लेकर ईरान ने साफ कर दिया है कि वो अमेरिका के आगे झुकेगा नहीं। इस मामले में ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने अमेरिका ने दो-टूक सुना दी है।

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भारत

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Tanay Mishra

Aug 25, 2025

Donald Trump and Ali Khamenei

Donald Trump and Ali Khamenei (Photo - Times Of Israel's social media)

ईरान (Iran) अपने परमाणु प्रोग्राम को सफल बनाने के अपने इरादे पर अडिग है। वहीं अमेरिका (United States Of America) इसके सख्त खिलाफ हैं। अमेरिका के साथ इज़रायल (Israel) और वेस्ट भी ईरान के पास परमाणु हथियार होने के खिलाफ हैं। 13-24 जून तक इज़रायल और ईरान के बीच चले युद्ध का लक्ष्य ईरान के परमाणु प्रोग्राम को तबाह करना था। इस दौरान इज़रायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों के साथ ही परमानु वैज्ञानिकों और सेना के कई मुख्य अधिकारियों को निशाना बनाया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के आदेश पर अमेरिकी एयरफोर्स ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। युद्ध खत्म होने के बाद ट्रंप ने इस बात का दावा भी किया कि ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरफ से तबाह हो गए, पर ईरान ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया था।

ईरान का परमाणु प्रोग्राम नहीं हुआ खत्म

युद्ध के बाद ईरान ने साफ कर दिया था कि उनका परमाणु प्रोग्राम खत्म नहीं हुआ है। हालांकि ईरान के परमाणु ठिकानों को नुकसान ज़रूर पहुंचा, लेकिन ईरानी सरकार ने यह भी साफ कर दिया था कि उनका परमाणु प्रोग्राम जारी रहेगा।

अमेरिका के आगे नहीं झुकेगा ईरान!

ट्रंप ने कई बार ईरान को धमकी दी है कि उनके देश को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। लेकिन ईरान ने भी साफ कर दिया है कि वो, अमेरिका के आगे झुकेगा नहीं। ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनका देश, अमेरिका या वेस्ट के दबाव से घबराकर सरेंडर नहीं करेगा और अपना परमाणु प्रोग्राम जारी रखेगा।

क्या है ईरान के परमाणु प्रोग्राम का लक्ष्य?

अमेरिका समेत वेस्ट का मानना है कि ईरान के परमाणु प्रोग्राम का लक्ष्य परमाणु हथियार बनाना है जिसे दुश्मन के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि ईरान ने समय-समय पर कहा है कि उनके परमानु प्रोग्राम का लक्ष्य सिर्फ परमाणु पावर विकसित करना है, जिसका इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जा सके।