इजराइल की धुर-दक्षिणपंथी नेतन्याहू सरकार के आमूल-चूल न्यायिक सुधारों के विरोध में इन दिनों अपूर्व जन प्रदर्शन देखा जा रहा है। यह आक्रोश उस समय और भड़क गया जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त कर दिया। वहीं, सोमवार को नेतन्याहू सरकार के खिलाफ लाया गया विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पहली बार में 59-53 और दूसरी बार में 60 -51 के बहुमत से गिर गया। साथ ही, पीएम नेतन्याहू के आह्वान पर दक्षिणपंथी समर्थक भी न्यायिक सुधारों के समर्थन में सड़कों पर आ गए हैं।
इजराइल की धुर-दक्षिणपंथी नेतन्याहू सरकार के आमूल-चूल न्यायिक सुधारों के विरोध में इन दिनों अपूर्व जन प्रदर्शन देखा जा रहा है। यह आक्रोश उस समय और भड़क गया जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त कर दिया। गैलेंट ने एक दिन पहले न्यायिक सुधारों को तत्काल टालने का सुझाव दिया था। नेतन्याहू के कार्यालय ने गैलेंट की बर्खास्तगी के संबंध में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी। पूर्व सैन्य जनरल गैलेंट नेतन्याहू की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। रक्षा मंत्री गैलेंट को बर्खास्त करने से नाराज लाखों लोग सड़कों पर उतर आए और रविवार रात से ही जरुशलम, तेलअवीव समेत देशभर के तमाम शहरों में बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ डटे हुए हैं। जेरुशलम स्थित संसद कनेसेट के सामने जमे ये प्रदर्शनकारी लगातार लोकतंत्र, लोकतंत्र के नारे लगा रहे हैं।
सरकार ने जीता विश्वासमत
वहीं सोमवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दो लोगों ने संसद में घुसने की भी कोशिश की। सरकार के खिलाफ लाया गया विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पहली बार में 59-53 और दूसरी बार में 60 -51 के बहुमत से गिर गया। साथ ही, पीएम नेतन्याहू के आह्वान पर दक्षिणपंथी समर्थक भी न्यायिक सुधारों के समर्थन में सड़कों पर आ गए हैं। इससे पीएम नेतन्याहू ने हिंसा भड़कने की चेतावनी दी है।
संसद में घुसे प्रदर्शनकारी
नेतन्याहू सरकार की इस न्यायिक सुधार योजना ने इजराइल के इतिहास में सबसे बड़े विरोध आंदोलन को जन्म दिया है। आलोचकों का कहना है कि यह योजना नेतन्याहू को बचाने के लिए बनाई गई है, जिन पर खुद धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी आदि को लेकर कई मुकद्मे अदालतों में चल रहे हैं। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस बीच दो प्रदर्शनकारी संसद में भी घुस गए, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सबसे बड़ी हड़ताल
देश के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन समूह द्वारा सोमवार को हड़ताल का आह्वान किया गया है और इससे इजरायल की अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से पर असर पड़ सकता है। कई शहरों में एयरपोर्ट बंद हो गए हैं। उड़ान के शेड्यूल में हुए परिवर्तन से हजारों लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। डॉक्टर्स एसोसिशन ने भी इन आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है। यहां तक कि फूड चैन मैक्डॉनल्ड ने भी इस हड़ताल के समर्थन में अपने आउटलेट बंद कर दिए हैं।
अमरीका ने कहा, समझौता जरूरी
इजराइल में रक्षा मंत्री को हटाए जाने पर अमरीका ने भी प्रतिक्रिया दी है। वाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा है, हम इज़राइल में चल रहे घटनाक्रम से बहुत चिंतित हैं। हम आगे तत्काल एक समझौते की आवश्यकता को देख रहे हैं।
लगातार बढ़ रहा है न्यायिक सुधारों का विरोध
विरोध
न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन करने की योजना देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है। इसको अस्थायी रूप से टाल दिया जाना चाहिए।
योआव बर्खास्त रक्षा मंत्री गैलेंट
चलिए, हम राष्ट्रपति के आवास पर जाएं, और एक राष्ट्रीय संवाद शुरू करें, जिसके अंत में हमारे पास स्वतंत्रता की घोषणा पर आधारित एक संविधान होगा, और एक ऐसा राज्य होगा जिसमें हम सभी परस्पर सम्मान के साथ रहेंगे।
यायिर लैपिड, नेता, विपक्ष
समर्थन
हमें एक मजबूत, स्वतंत्र न्यायपालिका की जरूरत है। लेकिन एक स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब बेलगाम न्यायपालिका नहीं है, मेरा मतलब है, जो पिछले 25 वर्षों में यहां हुआ है।
प्रधानमंत्री नेतान्याहू
हम चुनाव में जाते हैं, मतदान करते हैं, और बार-बार, जिन लोगों को हमने नहीं चुना है, वे हमारे लिए निर्णय लेते हैं।
न्याय मंत्री यारिव लेविन, जनवरी में न्यायिक सुधारों की शुरुआत करते हुए
क्या हैं इजराइल के न्यायिक सुधार
नेतन्याहू सरकार इजराइल की न्यायपालिका में आमूल-चूल सुधार के लिए कई बिलों को लेकर आ रही है। इसमें एक बिल पास हो चुका है। यह बिल देश की संसद के जरिए सत्ताधारी पार्टियों को इजरायल की न्यायपालिका पर अधिक नियंत्रण देगा।
जिसमें, सरकार द्वारा न्यायाधीशों का चयन, सर्वोच्च न्यायालय किन विषयों पर विचार करे, यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को पलटने की शक्ति जैसे विषय विषय शामिल हैं।
इसमें एक बिल पहले ही पारित कर दिया गया है। जिसके अनुसार अब प्रधानमंत्री को शारीरिक या मानसिक अस्वस्थता के अलावा और किसी कारण से नहीं हटाया जा सकता है, जब तक कि उसे कैबिनेट का समर्थन है।
गौर करने की बात है कि इजराइल में कोई लिखित संविधान नहीं है, केवल अर्ध-संवैधानिक बुनियादी कानूनों का एक समहू है, जो सर्वोच्च न्यायालय को देश में और भी अधिक शक्तिशाली बना देता है। लेकिन इजराइल में सुप्रीम कोर्ट के अलावा संसद की शक्ति पर और कोई अन्य नियंत्रण नहीं है।
राष्ट्रपति ने भी की न्यायिक सुधारों को रोकने की अपील
रविवार रात हमने बहुत मुश्किल हालात देखे। मैं प्रधानमंत्री, सरकार के सदस्यों और गठबंधन के सदस्यों से अपील करता हूं कि लोगों भावनाएं आहत हैं। पूरा देश गहरी चिंता में डूबा हुआ है। हमारी सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, समाज- सभी खतरे में हैं। इजराइल के सभी लोग उम्मीद भरी निगाहों से आपको देख रहे हैं। सभी यहूदी लोग आपसे उम्मीद लगाए बैठे हैं। पूरी दुनिया को आपसे उम्मीद है।
इजराइल के लोगों की एकता की खातिर, आवश्यक जिम्मेदारी की खातिर, मैं आपसे न्यायिक सुधारों की विधायी प्रक्रिया तत्काल रोकने का अनुरोध करता हूं।
इसाक हरजोग, राष्ट्रपति, इजराइल