ईरान (Iran) और इजरायल (Israel) के बीच सात दिन से जंग जारी है। बुधवार देर रात इजरायली हैकर्स (Hackers) ने ईरान की सरकारी न्यूज चैनल IRIB समेत कई चैनल हैक कर लिए। टीवी पर ईरान में साल 2022 में महिलाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन प्रसारित किए जाने लगे। इनमें ईरानी महिलाएं बाल काटती हुई दिखाई दीं। साथ ही, इजरायली हैकर्स ने ईरानी रिजीम चेंज करने के लिए ईरान की जनता से विद्रोह की अपील की है।
साल 2022 में ईरानी महिला महसा अमीनी (Mahsa Amini) की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। महसा को गलत तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में ईरान की मोरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में बवाल मच गया था। ईरानी महिलाएं सड़क पर उतर आई थीं। उन्होंने ईरानी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। यूरोपीय संघ ने महसा अमीनी को मरणोपरांत शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार 'सखारोव पुरस्कार' से सम्मानित किया था।
पिछले छह दिनों से जारी जंग में अब तक ईरान के 639 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि इजरायल में मौतों का आंकड़ा 24 पहुंच गया है। वहीं, ईरान में 1329 लोग घायल हैं, इजरायल में भी घायलों की संख्या 200 से अधिक है।
एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान पर हमले की मंजूरी दे दी है, लेकिन फाइनल आदेश के लिए रुकने को कहा है, दूसरी तरफ अमेरिकी सड़कों पर ईरान के समर्थन (Protest) में प्रदर्शनकारी मार्च कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी ईरान से दूर रहो के नारे लगा रहे हैं। न्यूयॉर्क पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को इजरायली वाणिज्य दूतावास जाने से रोक दिया।
न्यूयॉर्क टाइम्स (NY) की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान जंग को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत करना चाहता है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे, लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई ने अमेरिकी के साथ किसी भी बातचीत से इनकार किया है।
सीरिया में बसर अल असद की सरकार का तख्तापलट होने के बाद HTS प्रमुख अहमद अल शारा सीरिया के नए राष्ट्रपति हैं। सीरिया की नई सरकार ईरान-इजरायल जंग पर चुप्पी साधे हुए हैं। दरअसल, असद सरकार ईरान के एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस का हिस्सा हुआ करती थी। ईरानी गर्वमेंट असद सरकार के जरिए लेबनान स्थित हिज्बुल्लाह (शिया मिलिशिया) को सपोर्ट पहुंचाती थी। एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस के जरिए ईरान इजरायल और पश्चिमी दुनिया पर दवाब बनाता था।
आज सुबह ईरान में पढ़ने वाले भारतीय छात्र अरमेनिया से दिल्ली पहुंचे। उन्होंने ईरान से सड़क मार्ग के जरिए अरमेनिया में प्रवेश किया था। जिसके बाद वह हवाई रास्ते के जरिए अरमेनिया से दिल्ली पहुंचे।
Published on:
19 Jun 2025 10:08 am