
Israel Hamas War
Israel-Hamas ceasefire: इज़राइल (Israel) और हमास के बीच 15 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध (Israel Hamas War) रोकने और गाजा (Gaza) में बंधक बनाए गए बंधकों को रिहा करने के लिए एक समझौता (agreement) हुआ है। मध्यस्थों का कहना है कि इसकी सफलता इसराइल और हमास के "अच्छे विश्वास से काम करने" पर निर्भर करेगी। कतर के प्रधानमंत्री ने कहा कि इज़राइल और हमास रविवार से शुरू होने वाले गाजा में युद्ध विराम और 15 महीने के युद्ध के बाद बंधकों और कैदियों की अदला-बदली पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जस्सिम ने कहा, "गाजा पट्टी में दो जुझारू कैदी और बंधकों की अदला-बदली पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, और (मध्यस्थों ने) दोनों पक्षों के बीच स्थायी युद्ध विराम (ceasefire) तक पहुंचने की उम्मीद में युद्ध विराम करने की घोषणा की है।" अल-थानी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। ऐसी उम्मीद है कि गाजा पट्टी में 15 महीने से चल रहे विनाशकारी युद्ध पर विराम लग जाएगा और कट्टर दुश्मनों के बीच सबसे घातक और सबसे विनाशकारी लड़ाई को खत्म करने की संभावना बढ़ जाएगी।
कतर की राजधानी में कई हफ्तों की श्रमसाध्य बातचीत के बाद यह समझौता हुआ, जिसमें हमास द्वारा चरणबद्ध तरीके से रखे गए दर्जनों बंधकों की रिहाई, इजरादल में सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा में विस्थापित हजारों लोगों को वापस लौटने की अनुमति देने का वादा किया गया है। उनके घरों का अवशेष क्या है? इससे तबाह हुए क्षेत्र में अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता भी पहुंच जाएगी,लेकिन इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार सुबह कहा कि हमास युद्ध विराम समझौते की पहले की समझ से पीछे हट गया है। उनका बयान यह संकेत दे सकता है कि समझौते को लागू करने में बाधाएं बनी हुई हैं।
इज़राइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas conflict) एक गंभीर और लगातार जारी संघर्ष है, जो इज़राइल और फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास के बीच होता है। हमास, जो गाजा पट्टी पर शासन करता है, को एक आतंकवादी संगठन के रूप में माना जाता है, और उसका उद्देश्य इज़राइल का अस्तित्व समाप्त करना है। इस संघर्ष का इतिहास लंबा और जटिल है, जिसमें कई युद्ध, संघर्ष और असहमति शामिल हैं।
इज़राइल और फिलीस्तीन के बीच भूमि, धार्मिक स्थल और स्वतंत्रता को लेकर पुराना विवाद है। इज़राइल 1948 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ था, जिसके बाद से फिलीस्तीनियों के लिए एक स्वतंत्र राज्य का गठन एक प्रमुख विवाद का मुद्दा रहा है। हमास ने सन 2007 से गाजा पट्टी पर कब्जा किया है, जबकि पश्चिमी तट पर फतह पार्टी का शासन है। दोनों समूहों के बीच आंतरिक संघर्षों के कारण यह क्षेत्र संघर्ष का केंद्र बन चुका है।
इज़राइल और फिलिस्तीनियों के बीच गहरे धार्मिक मतभेद हैं, खासकर यरुशलम के धार्मिक महत्व को लेकर मतभेद हैं। यह शहर ईसाई, यहूदी और मुसलमानों के लिए पवित्र है और इसके नियंत्रण को लेकर संघर्ष होता रहता है।
हमास ने इज़राइल पर कई बार रॉकेट हमले किए हैं, जिसका इज़राइल की ओर से सैन्य जवाब दिया जाता है। इन हमलों में नागरिकों की मौत और व्यापक तबाही होती है। इज़राइल आम तौर पर हमास के ठिकानों पर बमबारी करता है और गाजा पट्टी में सैन्य कार्यवाही करता है, जिससे नागरिकों की मौत होती है और ढेर सारी संपत्ति नष्ट हो जाती है।
संघर्ष के दौरान, दोनों पक्षों से मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। इज़राइल के हवाई हमलों और हमास के रॉकेट हमलों के कारण नागरिकों की जानें जाती है और कई बार अस्पतालों, स्कूलों और अन्य नागरिक संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचता है।
दोनों के बीच कई बार संघर्ष विराम के प्रयास किए गए हैं, लेकिन ये लंबे समय तक टिक नहीं पाए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से शांति की कोशिशें लगातार जारी रहती हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल पाया है।
सन 2021 में एक और बड़ा संघर्ष हुआ, जिसमें 11 दिनों तक इज़राइल और हमास के बीच भारी बमबारी और रॉकेट हमले हुए। इस युद्ध में सैकड़ों लोग मारे गए, ज्यादातर गाजा में, और हजारों लोग घायल हुए। युद्ध के बाद भी स्थिति शांत नहीं हुई, और दोनों पक्षों के बीच तनाव जारी है। इज़राइल-हमास संघर्ष एक जटिल और लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष का हिस्सा है और इसका समाधान एक राजनीतिक, धार्मिक, और ऐतिहासिक समझौते की आवश्यकता है। फिलीस्तीनी स्वतंत्रता और इज़राइल की सुरक्षा दोनों ही गंभीर मुद्दे हैं, जिनका समाधान ढूंढ़ना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चुनौती बना हुआ है।
इज़राइल और हमास के बीच सीज़फ़ायर की कोशिशों के बारे में चर्चा। फाइल वीडियो
Updated on:
16 Jan 2025 06:42 pm
Published on:
16 Jan 2025 06:37 pm
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