Israel-Iran War: ईरान ने सोमवार को कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दाग दीं। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हालिया हवाई हमलों के जवाब में किया गया, जिसे तेहरान ने "बड़ा उकसावा" करार दिया। ईरानी मीडिया के अनुसार, कतर के अल उदेद एयर बेस पर छह मिसाइलें और इराक के ऐन अल-असद बेस पर एक मिसाइल दागी गईं। इन हमलों को "विजय की घोषणा" नामक अभियान का हिस्सा बताया गया।
हालांकि, कतर में अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमले का कोई बड़ा असर नहीं हुआ है क्योंकि अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने ईरानी मिसाइलों को रोक दिया है।
कतर की राजधानी दोहा में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं और रात के आसमान में प्रक्षेपास्त्र दिखाई दिए। इसके अलावा कतर ने 'नागरिकों, निवासियों, आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने' के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
भारतीय दूतावास ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए कतर में भारतीय समुदाय से सतर्क रहने और घर के अंदर रहने का आग्रह किया जाता है। कृपया शांत रहें और कतरी अधिकारियों द्वारा दिए गए स्थानीय समाचारों, निर्देशों और मार्गदर्शन का पालन करें। दूतावास हमारे सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से भी अपडेट करता रहेगा।
कतर के प्रधानमंत्री के सलाहकार और विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने ट्वीट किया, "कतर राज्य ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा अल-उदीद एयर बेस पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता है। हम इसे कतर राज्य की संप्रभुता, उसके हवाई क्षेत्र, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन मानते हैं। हम पुष्टि करते हैं कि कतर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप, इस आक्रमण की प्रकृति और पैमाने के अनुरूप सीधे जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका कतर में अल उदीद एयरबेस पर खतरों पर बारीकी से नजर रख रहा है। एक अधिकारी ने कहा, "व्हाइट हाउस और संयुक्त राज्य अमेरिका का रक्षा विभाग कतर में अल उदीद एयरबेस पर संभावित खतरों पर बारीकी से नजर रख रहा है।
रॉयटर्स ने ईरानी अधिकारी के हवाले से बताया कि ईरान ने उतने ही बमों का इस्तेमाल किया, जितने अमेरिका ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर इस्तेमाल किए थे। वहीं सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि शंभू एस. कुमारन ने कहा कि पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसी स्थिति के बीच परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
Published on:
23 Jun 2025 11:12 pm