
Benjamin Netanyahu (Photo - Washington Post)
Israel reaction to Palestine recognition: इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की ओर से फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया( Israel Palestine conflict) दी है। स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस कदम को यूरोप की राजनीतिक जरूरतों से प्रेरित बताया और कहा कि इज़राइल ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जो उसकी खुद की सुरक्षा और अस्तित्व के लिए खतरा बने। नेतन्याहू (Netanyahu response Palestine) ने इसे ‘आत्महत्या’ की तरह बताया है। इज़राइल के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता शोश बद्रोसियन (Shosh Badrosian) ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नेतन्याहू (Netanyahu) ने साफ कर दिया है कि उनका संदेश उन देशों के लिए है जो गाजा में हमास की ओर से फैलाई गई अराजकता को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इज़राइल में उनके सैनिक, उनके परिवार और हमास की कैद में मौजूद बंधक लोग हैं। इसलिए, ऐसे देश जो सिर्फ राजनीतिक कारणों से फिलिस्तीन को मान्यता (UK Palestine recognition) दे रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि इज़राइल अपनी सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना बनाई है। इस फैसले को नेतन्याहू ने निंदनीय और आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाला बताया। ब्रिटेन ने इस कदम को दो-राज्य समाधान के लिए एक जरूरी कदम माना है, जिससे मध्य पूर्व में शांति स्थापित हो सके। हालांकि, नेतन्याहू का मानना है कि यह कदम इज़राइल के हितों के खिलाफ है।
ब्रिटेन के साथ-साथ कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी एक साथ मिलकर फिलिस्तीन को मान्यता दी है। इन देशों ने फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता के साथ-साथ हमास को अपनी गतिविधियां बंद करने की भी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जब तक हमास अपना अस्तित्व समाप्त नहीं करता, तब तक स्थिर शांति संभव नहीं है। ये तीनों देश फिलिस्तीन के लिए द्वि-राज्य समाधान की बात करते हुए शांति का रास्ता चाहते हैं।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इन देशों के फैसले का स्वागत किया है। मंत्रालय ने इसे शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह मान्यता द्वि-राज्य समाधान के लिए समर्थन का प्रतीक है। साथ ही, उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन सरकार इन देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की पूरी कोशिश करेगी ताकि क्षेत्र में स्थिरता आ सके।
नेतन्याहू आगामी सप्ताह में न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेंगे। वहां कुछ देश फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा करेंगे और अपने-अपने पक्ष रखेंगे। नेतन्याहू वहां अपनी बात रखेंगे और इज़राइल की सुरक्षा चिंताओं को सामने लाएंगे। यह महासभा इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक जटिल बना सकती है।
बहरहाल मध्य-पूर्व की जटिल राजनीति में फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला एक बड़ा राजनीतिक कदम है। यह शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने की कोशिश है, लेकिन इज़राइल की सुरक्षा चिंताएं और राजनीतिक विरोध इसे एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बना रहे हैं। नेतन्याहू का कहना है कि वे यूरोपीय देशों की राजनीतिक आवश्यकताओं के कारण अपनी सुरक्षा को खतरे में नहीं डालेंगे। ( इनपुट: एएनआई.)
Published on:
21 Sept 2025 09:45 pm
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