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सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 45 में से 14 मजदूरों की घर वापसी, 31 अब भी फंसे

झारखंड के 45 मजदूर सऊदी अरब में फंसे हुए थे। उनमें से 14 मजदूर घर लौट आए हैं। हालांकि 31 मजदूर अभी भी वहाँ फंसे हुए हैं।

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Jharkhand workers returned home from Saudi Arabia

Jharkhand workers returned home from Saudi Arabia

सऊदी अरब से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल पिछले कई महीनों से वहाँ झारखंड के 45 मजदूर फंसे हुए थे। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि उनके साथ ऐसा कैसे हुआ? दरअसल सभी मजदूर एजेंटों की बातों में आकर सऊदी अरब गए थे। इन लोगों को केरल के एजेंटों ने नौकरी के नाम पर सऊदी अरब में अलग-अलग कंपनियों में मजदूरी के लिए भेजा था। वहाँ जाकर उन्हें मजदूरी तो मिली, लेकिन साथ ही वो फंस भी गए। फंसे हुए मजदूर हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के रहने वाले हैं। लेकिन हाल ही में कुछ मजदूरों को राहत मिली है और साथ ही आज़ादी भी।

14 मजदूरों की घर वापसी

सऊदी अरब में फंसे हुए झारखंड के 45 मजदूरों में से 14 की घर वापसी हो गई है। पहली बार में वापस आए 14 मजदूरों ने बताया कि उन्हें केरल निवासी एजेंट आरएस पांडियन और एलके स्वामी ने सऊदी अरब भेजा गया था। वहाँ नौकरी दिलाने के एवज में हर मजदूर से 55 हज़ार रुपये भी लिए गए थे। यह रकम आरएस पांडियन के बेटे एस. मनिबाला के खाते में जमा कराई गई थी। इस रकम के बदले उन्हें बेहतर सैलरी वाली नौकरी दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन फिर उन्हें मजदूरी के जाल में फंसा दिया गया।

31 मजदूर अभी भी हैं फंसे

सऊदी अरब में झारखंड के 45 मजदूरों में से जहाँ 14 की घर वापसी हो गई है, तो 31 मजदूर अभी भी वहीं फंसे हुए हैं। उन्हें भी वापस लाने की कोशिश की जा रही है।

सरकार कर रही है प्रयास

मजदूरों की स्थिति पता चलने पर झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने भारत सरकार को इस बारे में जानकारी दी और सरकार से मजदूरों को घर वापस लाने का आग्रह किया। ऐसे में विदेश मंत्रालय की तरफ से मजदूरों की वापसी के प्रयास चल रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की वजह से 14 मजदूरों की भी वापसी हुई है।

अच्छी नौकरी के नाम पर मिला धोखा

घर वापस आए मजदूरों ने बताया कि उन्हें अच्छी नौकरी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन सऊदी अरब में उन्हें मजदूरी के दलदल में धकेल दिया गया, जो धोखे से कम नहीं था। सभी 45 लोग 11 मई, 2023 को सऊदी अरब गए थे, लेकिन उन्हें अच्छी नौकरी की जगह कठिन परिस्थितियों वाली मजदूरी में दिया गया। सैलरी भी वादे के अनुसार नहीं दी गई। सऊदी अरब पहुंचने पर कंपनी के लोगों ने मजदूरों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया। इतना ही नहीं, ज्यादातर लोगों को तो कई महीने की सैलरी भी नहीं दी गई।

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