
Kartarpur Sahib Gurdwara submerged in water (Photo - Video Screenshot)
पाकिस्तान (Pakistan) में हर बार की तरह इस साल भी मानसून (Monsoon) ने तबाही मचाई हुई है। 26 जून से अब तक मानसून की वजह से आई मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण 788 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से ज़्यादा लोग घायल हो चुके हैं। मरने वालों का आंकड़ा 1,000 पार करने की भी आशंका जताई जा रही है। पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जगह-जगह पानी भर गया है और इनमें ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा (Kartarpur Sahib Gurdwara) भी शामिल है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा, सिखों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। इस गुरूद्वारे को गुरु नानक देव जी की याद में बनाया गया था। इसे गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है और यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है। मानसून की मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण यह गुरुद्वारा, पानी में आधे से ज़्यादा डूब गया है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा रावी नदी से ज़्यादा दूर नहीं है। भारी मानसूनी बारिश और बाढ़ से रावी नदी में जलस्तर बढ़ गया है। इसी वजह से गुरुद्वारे के परिसर में काफी ज़्यादा पानी भर गया है।
गुरूद्वारे में पानी भरने से लंगर हॉल, सरोवर, और परिक्रमा क्षेत्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। रावी नदी में उफान के कारण करतारपुर कॉरिडोर के नीचे बना एक बांध टूट गया, जिससे पानी गुरुद्वारे और आसपास के क्षेत्रों में फैल गया।
पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत पर झूठा आरोप लगाया है। पाकिस्तान प्रशासन ने कहा है कि भारत की ओर से छोड़ा गया पानी इस बाढ़ का कारण बना। हालांकि भारत ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है। गौरतलब है कि भारत ने खराब संबंधों के बावजूद मानवता के खातिर पाकिस्तान को पहले ही रावी नदी में उफान के बारे में आगाह कर दिया था।
Published on:
27 Aug 2025 12:48 pm
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