भारत : भारत और चीन के बीच विवाद कई वर्षों से चल रहा है। सुदूर लद्दाख में पहले पेंगोंग झील और अब गलवान घाटी में अधिकारी स्तर की बातचीत के बावजूद हिंसक झड़प ने चीन के चेहरे को बेनकाब कर दिया।
अमरीका : दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीक को लेकर चल रहे विवाद के बीच अमरीका ने वायरस के लिए चीन को निशाने पर ले लिया। चीन भी अमरीका पर हांगकांग को भडक़ाने का आरोप लगाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का चीन को जवाब- जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा हांगकांग : चीन ने वहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करना चाहा, लेकिन अमरीका और पश्चिमी देशों ने इसका विरोध किया। हांगकांग कभी ब्रिटेन के अधीन था। उसी ने स्वायत्तता की शर्त पर चीन को हांगकांग सौंपा था।
ताइवान: चीन ने लोकतांत्रिक-शासन वाले देश ताइवान पर हमेशा से अपने आधिपत्य का दावा किया है। लेकिन भारी मतों से दोबारा चुनी गई ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन के दावों को ठुकराते हुए कह दिया है कि सिर्फ ताइवान के लोग उसके भविष्य का फैसला कर सकते हैं।
शिंकियांग : चीन के पश्चिमी प्रांत में उइगुर मुसलमानों के प्रति बर्ताव पर अमरीका सहित कई देशों ने आलोचना की है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने उइगुरों के उत्पीडऩ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने वाले एक विधेयक को बहुमत से पारित किया।
कनाडा : 2018 में कनाडा ने हुवावे के संस्थापक की बेटी मेंग वानझाऊ को हिरासत में ले लिया था तो तुरंत बाद चीन ने कनाडा के दो नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों देशों के बीच गतिरोध कायम है।
यूरोपीय संघ : पिछले दिनों यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने आपस में तय किया कि वो चीन के प्रति अपनी रणनीति और मजबूत करेंगे। संघ की रिपोर्ट में चीन पर आरोप थे कि वो कोरोना के बारे में गलत जानकारी फैला रहा है।
ऑस्ट्रेलिया : ऑस्टे्रलिया के साथ रिश्तों में खटास 2018 में तब आई जब ऑस्ट्रेलिया ने अपने 5जी ब्रॉडबैंड नेटवर्क से हुवावे को बैन कर दिया था। कोरोना को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग पर भी चीन, ऑस्ट्रेलिया से नाराज है।
दक्षिण चीन सागर : दक्षिण चीन सागर ऊर्जा के स्रोता से समृद्ध इलाका है और चीन के इस इलाके में कई विवादित दावे हैं जो फिलीपींस, ब्रूनेई, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान के दावों से टकराते हैं। ये इलाका एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग भी है। अमरीका ने आरोप लगाया है कि चीन इस इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
हुवावे : अमरीका ने चीन की बड़ी टेलीकॉम कंपनी हुवावे को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की हैं। उसने अपने मित्र देशों को इसका मोबाइल नेटवर्क इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है। कोरोनावायरस : अमरीका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने मांग की है कि चीन जिस तरह से कोरोनावायरस को रोकने में असफल रहा उसके लिए उसकी जवाबदेही सिद्ध की जानी चाहिए।