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मुस्लिम देश जहां आज भी पूजे जाते हैं भगवान श्रीकृष्ण, कैसे सनातन से जुड़ी हैं जड़ें?

Krishna Worship in Muslim Country: दुनिया में एक ऐसा मुस्लिम देश है जहां श्री कृष्ण की पूजा की जाती है और धार्मिक स्वतंत्रता मिलती है।

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भारत

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Devika Chatraj

Dec 15, 2025

मुस्लिम देश में श्रीकृष्ण की पूजा (Patrika Graphic)

दुनिया भर में सनातन धर्म के प्राचीन प्रभाव की कहानियां अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। मध्य एशिया के मुस्लिम बहुल देश उज्बेकिस्तान के एक शहर ("शिवा शहर") में स्थानीय लोग आज भी भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। वे महाभारत की कहानियां जानते हैं, पेड़-पौधों की पूजा करते हैं, और उनके रीति-रिवाज भारतीय संस्कृति से मिलते-जुलते हैं।

शिवा शहर का रहस्य

शिवा शहर शायद खिवा (Khiva) शहर का गलत उच्चारण या अनुवाद है। खिवा उज्बेकिस्तान का एक प्राचीन शहर है (यूनेस्को विश्व धरोहर), जिसकी स्थापना 2500 साल पुरानी बताई जाती है। लेकिन खिवा या किसी अन्य शहर में स्थानीय मुस्लिम लोगों द्वारा श्री कृष्ण की पूजा करने का कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं मिला। प्राचीन शिव प्रभाव की बात सही है (ताशकेंट में शिव की प्राचीन मूर्तियां मिली हैं), लेकिन कृष्ण पूजा का कोई पुरातात्विक या वर्तमान सबूत नहीं है।

क्या है सच्चाई?

उज्बेकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है, जहां 97% से अधिक आबादी इस्लाम का पालन करती है जिनमे मुख्यतः सुन्नी हनफी संप्रदाय के लोग है। यहां हिंदू धर्म के अनुयायी बहुत कम हैं। मुख्य रूप से ISKCON के सदस्य और कुछ भारतीय प्रवासी है। ताशकेंट में एक रजिस्टर्ड कृष्ण मंदिर है, जहां श्री कृष्ण की पूजा होती है। लेकिन ये पूजा करने वाले ज्यादातर विदेशी या कन्वर्टेड लोग हैं, न कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय। प्राचीन काल में उज्बेकिस्तान (सोग्दियाना क्षेत्र) में हिंदू-बौद्ध प्रभाव था जैसे शिव की मूर्तियां, वेशपर्कर (शिव से प्रभावित देवता) की पूजाकी जाती थी, और सिल्क रोड के जरिए भारतीय संस्कृति का आदान-प्रदान किया जाता था। लेकिन यह 7वीं-8वीं शताब्दी की बात है, जब इस्लाम नहीं आया था।

उज्बेकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता

स्थानीय मुस्लिम लोग घरों में कृष्ण मूर्ति रखने से डरते हैं या कट्टरपंथियों से प्रभावित हैं ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। उज्बेकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता है, लेकिन अल्पसंख्यक धर्मों पर कुछ प्रतिबंध हैं। प्राचीन काल में हिंदू प्रभाव था (शिव, बौद्ध देवता), और आज ISKCON के जरिए कृष्ण भक्ति मौजूद है। लेकिन यह स्थानीय मुस्लिम समुदाय की पूजा नहीं है।

सनातन से कैसे जुड़ी है जड़ें?

सनातन धर्म का प्राचीन प्रसार निश्चित रूप से मध्य एशिया तक था सोग्दियन कला में शिव की झलक मिलती है। लेकिन वर्तमान में उज्बेकिस्तान में कृष्ण पूजा मुख्यतः ISKCON तक सीमित है।