
Kuwait Fire Tragedy
Kuwait Fire : कुवैत के जिस इलाके में आग लगने का हादसा हुआ वो विदेशी मजदूरों से भरा हुआ है। यह इमारत बहुत ज्यादा भीड़भाड़ वाली थी, जिसमें कई देशों के 200 से अधिक कर्मचारी रहते थे। अधिकतर निवासी भारतीय थे, अन्य पाकिस्तान, फिलीपींस, मिस्र और नेपाल से भी थे।
विख्यात प्रवासी भारतीय साहित्यकार भारत के बिहार के गोपालगंज के डॉ. अफरोज आलम ( Dr. Afroz Alam)ने सीधे कुवैत से बताया कि एक ही इमारत में लोगों को ठूंस ठूंस कर भर दिया गया और जब हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि कई लोगों को तो इमारत से निकलने की जगह तक नहीं मिली और उनकी दम घुटने से मौत हो गई कई मजदूर घाल हो गए और बहुत से लोग अब तक लापता हैं।अगर रियल एस्टेट मालिक लालच में न आते तो गरीब मजदूरों की जान न जाती।
भारत के बिहार के गोपालगंज के विख्यात प्रवासी भारतीय साहित्यकार डॉ. अफरोज आलम।
डॉ. अफरोज आलम ने बताया कि हालांकि कुवैत और भारत सरकार आपसी समन्वय से लोगों के जख्मों पर मरहम लगा रही हैं और राहत बचाव और मुआवजे के साथ ही जांच में सूझबूझ से काम ले रही हैं, लेकिन इस त्रासदी ने खाड़ी देशों में भारतीय प्रवासी श्रमिकों की खराब जीवन और कामकाजी स्थितियों के बारे में चिंताओं को फिर से जन्म दिया है।
उन्होंने बताया कि मीडिया और यहां आसपास के लोगों को शक है कि अपार्टमेंट के अंदर ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल किया गया , जिससे आग की लपटें तेजी से फैलीं। यह तो सबको पता है कि कुवैत के उप प्रधान मंत्री और आंतरिक मंत्री शेख फहद यूसुफ अल-सबा ने इस त्रासदी के लिए इमारत के मालिक को दोषी ठहराया है, उन पर सुरक्षा पर "लालच" को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है। भारतीय दूतावास ने भारतीय कामगारों के साथ हुई दुखद आग की घटना के संबंध में एक आपातकालीन हैल्पलाइन नंबर +965-65505246 जारी किया है।
भारत के किस राज्य के कितने लोग
डॉ. अफरोज आलम ने बताया कि घटना से कुवैत और भारत के समुदायों में व्यापक सदमा और चिंता पैदा हो गई है। पीड़ितों का विस्तृत विवरण विनाश की सीमा को उजागर करता है: तमिलनाडु से 7, आंध्र प्रदेश से 3, और बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल से 1-1, साथ ही 23 केरल से। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि बड़ी संख्या में आग की चपेट में आए लोग झुलसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
कुवैत आग हादसे में अब तक जिन 21 भारतीय श्रमिकों की शवों की पहचान की उनकी उनकी सूची सामने आई है।
कुवैत सरकार की ओर से इस इमारत में रहने और डयूटी करने वालों, घायलों और लपता लोगों की सूची जारी की गई है :
कनगराज शंगमुगेवल, बिजी वर्गीज,पकीरी कुप्पूस्वामी कुप्पूस्वामी, धारानी अलगजन मुथू पंडी, सुनील कलाथिल,दिनेशकुमार सीडी,अक्षय अजिथप्रसाद, जमालुददीन, विजलपाल यादव, अतीक अहमद अनस, जहीर अहमद खान, रामाकृष्णन सजीवन, मुलंगत्तु परंबिल, सुरेंद्रन मनोज,प्रवीणकुमार बूमि सेलेवम, टोनी थॉमस,जोबी जॉय जॉय,श्रीजीथ विजयन पिल्लैई,नेजिम जलालुददीन, अशोक कोला,श्रीनु कुक्कला, अविनाथ बैजनाथ, नलिनक्शन थलथ वजथ्पिल, प्रवीण राजू इल्हे, जॉर्ज क्लिंटन मारिया राज, रामाकोटि सरीपल्ली,अनिलकुमार कृष्णा सदनम कृष्णा पिल्लैई, संतोष पाल, श्रीनिवासु ममीदी शेट्टी, ईश्वरुदू मीसाला, राजेशकुमार रामचंद्रन पिल्लैई, अनुमन जॉसेफ,मोहम्मद अली अली छतेरी, आनंदु कृष्णन राजू,एलन एंटनी, शियजु परक्कल, सुरेशकुमार नारायण पिल्लैई, प्रेजन रॉबी पीटर, हिम्मत राय, रेाजन मंडयिल राजू, रेजी इसाक, सुमेश पिल्लैई सुंदरन, सबीर पनीकसेरी अमीर, रणजीतप्रसाद, रजीत असरी कंडी, फैसल मोहम्मद, गोपू पुथ्थुकैरिल कोमलन, एलेक्स जैकब वंदनाथु वयली जोस, डैनी थॉमस सेबेस्टियन,जॉयिल चक्कलयिल रेजी, रशीद खान, गौरीशंकरदास, अनूपपरमबलथ,दीपेश कक्ककटटू, कोटटे गंगइरूयह,सिबिन थॉमस, राकेश कृष्णन,कृष्णा नंदनसिंह, थॉम्स चाको जोसेफ,बेसलिनलाल, मोहम्मद रिशद, योगेश विश्वकर्मा, अमन जसवाल, मस्तान सय्यद,नौफल चेरिकल,बिसवास कृष्णन,श्रवणन कृष्णास्वामी, अनिल मथाई, मन्नापुरा परंपिल, रामप्रसाद मुथैया,सरथ मैप्पारंबिल, जोसेफ एमए,शिवकुमार,जनकलाल,शिवपाल राना, सुरिंदरपाल, मलकप्पा शिवप्पा मंडे, रितेशकुमार, राजेशकुमार, सुलिंदरसिंह, जेस्टिन थविथुराजा अंबुरोस, सिजो चरिवुकलयिल सन्नी,शरफुददीन शबुददीन,वेंकिदास्वामी परूमल, सजी वर्गीज, घनश्याम बेहेरा, कुमारन संतोष, देवइय्यह जिल्लेला, सरनजीतसिंह, विष्णुपुथया पुरयिल,जफर जवाद, करुप्पियह करुप्पियह मुरुगन, सय्यद अबथविर सुलेमान, मुरुगन नाथम सथैया, मोहम्मद रियाजुददीन कोदुवयूर नूरुल अमीन,मनीषकोलम वीटिल मधु, मणिक्क्म शिवजु चिल्लीकटि्टल, मोहम्मद अरशद अली, दिग्विजयप्रतापसिंह, मोनीश मोहन, सय्यद मोहम्मद रसिक अब्दुल करीम, राजेंद्र मरिदुराई, कार्तिकेयन चल्लादुराई, विनायगम सिवानुपंदियन, मोहम्मद नदीम अख्तर, मोहम्मद सुल्तान आलम, विश्वनाथन चिन्नपन, सिवाथीस सुयंबु, मोहम्मद असलम,लखीचंद्र भगत, बिमलरात सुब्रहृमण्यन, जितिन जैकब, कुमार सुबय्यह,वीरा सामी मूथा कृष्णन,मोहम्मद कबीर कोदापल्लियइल,बिलाल हमीद मुकदृम, अनुमॉन अब्राहम,राजेंद्रन उचम्मल,प्रभातकुमार साहू, थिरूपति वैमूला, राजेश राजन, अजॉयकुमारसिंह,कमर अहमद, उबैर कमालुददीन मलिम,आनंदु विक्रमन, जितेंद्रशिवसिंह, मुरलीधरन जी पिल्लैई, जयाकुमार सदानंदन,टीनो वर्गीस जॉन, विष्णु रमेशन नायर,जयशंकर चंद्रशेखरन नायर सत्यभामा, अरुल रॉबर्ट एंटनी, वीराचामी मरियप्पन, कलु खा, चिन्नाधुरई कृष्णामूर्ति,थॉमस चिरायिल ओमेन, राजू इबा मैसन, सिंसू शाजी, अनिलगिरि, विजयकुमार प्रसन्ना, शिवशंकर गोविंदन, करूपन्न रामू, अनीसकुमार उन्ननकंडी,सिविन थोबारुटटू अब्राहम, शमीर उमारदृीन,मैथ्यू थॉमस, शिवकुमार सिंह, सत्यनारायण मोलेटी,अरुण बाबू, केलू पोनमलेरी, सजू वर्गीस,मोहम्मद जहूर,भुनव रिचर्ड रॉय,रेंदिथ कुनादुक्कम, आकाश संधरन नायर,प्रवीण माधवसिंह, शिबू वर्गीस, डेनी बेबी करुणाकरण, नूह कुपंते पुरक्कल, गुड़ा संतोषकुमार,बहेलियन मरक्कदथ परंबिल, स्टीपफन अब्राहम साबू,प्रेंकलिंकली सेलवन जेम्स, साजन जॉर्ज, दृवारिकेश पट्टानायक, पुलिनिल कुन्ना वासुदेवन एम नायर,लुकेसे वदाकोट्टु कोन्नुन्नि,मोहम्मद शरीफ शरीफ,श्रीहरि प्रदीप,श्रीजीश थनकप्पन नायर,बिनॉय थॉमस, अंगद गुप्ता, एम डी अली हुसैन व निथिन कोथुर।
(स्रोत : कुवैत सरकार)
Published on:
14 Jun 2024 12:20 pm
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